आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। मानवता की सेवा करने की कोई उम्र नहीं होती। शांति नगर वासी 80 वर्षीय जसवंत कौर जीते जी सेवा कार्य में आगे रही। हमेशा पूजा-पाठ गुरुद्वारे जाना उनकी दिनचर्या में शामिल था। अपने परिवार को जोड़ कर रखना उनकी एक खासियत थी। अगर घर में खाना बनाना तो भी वह भी सिमरन करके बनाना और निष्काम सेवा के लिए सबसे आगे आना। कुछ समय से उनका स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं चल रहा था। उनके बेटो और बेटी ने और बहुओं ने भरपूर सेवा की। उन्होंने अपने बच्चों को कहा कि जब मैं इस शरीर को छोड़ो तुम मेरे दोनों नेत्र दान कर देना, जिसे दो घरों में रोशनी मिलेगी। रविवार को जब वह प्रभु चरणों में पहुंची तो उनके बेटे ने अपनी मां के नेत्रों का दान दो नेत्रहीनों के लिए कर दिया। जन सेवा दल से आए चमन गुलाटी, कमल गुलाटी, माधव नेत्र बैंक करनाल के सहयोग से नेत्रों का दान किया गया और उनके परिवार को एक स्मृति चिन्ह दिया गया, जिससे परिवार को हमेशा याद रहेगा कि हमारी मां ने मृत्यु उपरांत भी सेवा नहीं छोड़ी और हमें भी उसी सेवा के रास्ते पर चलना है।