देश में जब रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था जैसे हालात : गुरनाम चढूनी 

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Panipat News/Bhartiya Kisan Union (Chadhuni)
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  • 23 जनवरी को करनाल में लेंगे कड़ा फैसला : चढूनी
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के आह्वान पर किसानों ने गन्ने के भाव बढ़वाने को लेकर  दूसरे दिन भी शुगर मिल डाहर (पानीपत) को बंद रखते हुए धरना दिया गया और धरने पर बैठे गन्ना किसानों से मिलने भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम चढूनी मिल में पहुंचे। धरने की अध्यक्षता भाकियू ज़िलाध्यक्ष सुधीर जाखड़ ने की। दिन रात लगातार चल रहें धरने में सैंकड़ो गन्ना किसानों ने भाग लिया और सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की।
बड़े पूंजीपतियों के इशारे पर चल रही है सरकार
धरने को सम्बोधित करते हुए भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि देश में रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था जैसे हालात हो चुके हैं । भले नयी पीढ़ी से शायद ये कहावत न सुनी हो, लेकिन यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि जब पहली शताब्दी में पूरे रोम में भयंकर आरजकता का माहौल था तो नीरो अपने बाग में बांसुरी बजा रहा था। अचानक इस बात को याद करने का संदर्भ हरियाणा के साथ साथ देश की मौजूदा परिस्थितियाँ हो चुकी हैं क्योंकि देश में बड़े पूंजीपतियों के इशारे पर सरकार चल रही है, केंद्र और प्रदेश सरकार के राज में हर वर्ग दुखी और खून के आंसू रो रहा है, और सरकार कुम्भकरणी नींद सो रही है। अब लगता है शायद सरकार दुबारा किसान आंदोलन देखने के मूड में है, जिसको लेकर हम किसान भी तैयार है।

हर शुगर मिल से 5 किसानों की कमेटी मिलकर बैठक कर कड़ा फैसला लेगी

गुरनाम चढूनी ने कहा कि 23 जनवरी को कुरुक्षेत्र जाट धर्मशाला में हर शुगर मिल से 5 किसानों की कमेटी मिलकर बैठक कर कड़ा फैसला लेगी, जिसके लिये मोदी और खट्टर सरकार जिम्मेवार रहेगी। भाकियू जिलाध्यक्ष सुधीर जाखड़ ने भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम चढूनी को आश्वस्त करते हुए कहा कि जैसा फैसला भाकियू और कमेटी लेगी, उसपर पानीपत जिले के किसान खरा उतरेंगे  और सरकार द्वारा आंदोलन तोड़ने की किसी भी षड्यंत्र को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। वहीं मलिक खाप की तरफ से राजकुमार मलिक समर्थन देने शुगर मिल में धरने पर पहुंचे। इस अवसर पर भाकियू कार्यकारी ज़िलाध्यक्ष राम सिंह कुंडू, जिला सचिव राजू मलिक, जयकुंवार कादियान, सुरेंद्र नांदल, इसराना ब्लॉक प्रधान राजरूप फ़ौजी, मनदीप नारायणा, लखविंदर खालसा, वेद दीवाना, जगबीर कादियान, राकेश देशवाल, आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।