पानीपत। आर्य बाल भारती परिसर में पूरी श्रद्धा के साथ बैसाखी का त्यौहार मनाया गया। इस समारोह की अध्यक्षता प्रबंधक समिति के प्रधान आर्य रणदीप सिंह कादियान ने की, प्राचार्य सत्यवान मलिक, प्रबंधक राजेंद्र जागलान, कोषाध्यक्ष मेहताब मलिक, रेखा शर्मा और डॉक्टर कान्ता चहल ने भी वैशाखी पर्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मंच संचालन उप प्राचार्य राजकुमार शास्त्री ने किया।
अज्ञानता और अशिक्षा को समाप्त करने के सभी प्रयास किए
समारोह को संबोधित करते हुए स्कूल प्रबंधक समिति के प्रधान रणदीप कादियान ने कहा कि यह देश उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों और बलिदानियों का हमेशा ऋणी रहेगा, जिन्होंने देश को आजाद करवाने में अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि खालसा पंथ के संस्थापक दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी। इसी के उपलक्ष्य में विश्व में प्रतिवर्ष बैसाखी का त्यौहार मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि खालसा पंथ और आर्य समाज ने समाज से अंधविश्वास छुआछूत अज्ञानता और अशिक्षा को समाप्त करने के सभी प्रयास किए हैं। ताकि समाजवाद की स्थापना की जा सके।
जलियांवाला बाग एक राष्ट्रीय तीर्थ बन गया
उन्होंने कहा कि आज ही के दिन सन 1919 में अंग्रेज जनरल डायर ने जलियांवाला बाग में निहत्थे श्रद्धालुओं पर अंधाधुंध गोलियां चलवाई। इस घटना में सैकड़ों भारतीय शहीद हो गए। आज जलियांवाला बाग एक ऐसा राष्ट्रीय तीर्थ बन गया है, जिसका कण -कण शहीदों के रक्त से सींचा गया है। हमें भारत को एक शिक्षित व विकसित राष्ट्र बनाने में और अधिक सहयोग देना चाहिए। इस अवसर पर भाषण व गीत प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें सृष्टि ने प्रथम, पूर्ति ने द्वितीय और सिमरन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
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