- साइबर क्राइम जागरूकता माह का जिला में साइबर क्राइम थाने से किया शुभारंभ
- एसपी शशांक कुमार सावन ने पुलिस अधिकारियों को दिए विशेष दिशा निर्देश
आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। हरियाणा पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी निर्देशानुसार जनमानस को साइबर क्राइम की घटनाओं से बचाने व जागरूक करने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में अक्तूबर महीने को साइबर जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। एसपी शशांक कुमार सावन ने जिला में अभियान की शुरुआत साइबर क्राइम थाने से की। उन्होंने इस दौरान उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को विशेष रूप से निर्देश दिए कि साइबर क्राइम से पीड़त व्यक्ति की तुरंत हर संभव सहायता करने के साथ ही साइबर क्राइम से बचने के संबध में बरती जाने वाली सावधानियों बारे विशेष रूप से जागरूक करें। साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर 1930 व हेल्प लाइन पोर्टल बारे आमजन को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दे। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विजय सिंह, थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलराज, थाना तहसील कैंप प्रभारी इंस्पेक्टर फूलकुमार व अन्य पुलिस कर्मचारी उपस्थित रहे।
साइबर जागरूकता ही सबसे बेहतर उपाय
इसके साथ ही एसपी शशांक कुमार सावन ने साइबर क्राईम से बचने संबंध में आमजन के लिए एडवाइजरी जारी करवा बताया कि तकनीक के इस युग में हर व्यक्ति मोबाइल व कंप्यूटर से जुड़ा हुआ है। नौकरी व पढ़ाई भी मोबाइल व कंप्यूटर तकनीक जैसे संसाधनों से जुड़ गई है। इंटरनेट की इस दुनियां में साइबर अपराधी अलग-अलग तरीके अपनाकर लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। इनसे बचने के लिए साइबर जागरूकता ही सबसे बेहतर उपाय है।
अनजान व्यक्ति द्वारा किया गया वीडियो कॉल नहीं उठाएं
उन्होंने कहा कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर, ई मेल, टेलीग्राम, वाट्सअप इत्यादी सोशल साइट्स और एप के माध्यम से रिश्तेदार या जानकार बनकर की जाने वाली बात या धन की मांग पर भरोसा न करें, फोन करके या मिलकर कन्फर्म अवश्य करें। किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा किया गया वाट्सअप, मैंसेजर आदि से वीडियो कॉल नहीं उठाएं, अन्यथा आपके वीडियो को रिकार्ड कर उसे एडिट कर गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। उसके एवज में आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है।
गूगल पर सर्च किए गए कस्टमर नंबर का इस्तेमाल न करें, हो सकता है धोखा
ओएलएक्स या अन्य जगह पर खरीददारी या समान बेचते समय रिक्यूवेस्ट मनी लिंक का इस्तेमाल न करें बल्कि पैसा सामान मिलने के बाद दें, हो सके तो नकद दें। क्यूआर कोड स्कैन करने में सावधानी बरतें, क्यूआर कोड से पैसा कटता है, आता नहीं है। फोन कॉल, एसएमएस या अन्य किसी माध्यम से ओटीपी या यूपीआई पिन, एटीएम पिन किसी के साथ शेयर न करें, बैंक या कोई भी पेमेंट करने वाली कंपनी जैसे फोन पे, पेटीएम, गूगल पे आदि नहीं पूछता है अतः किसी भी कीमत पर शेयर न करें। बैंक या सिम के केवाईसी के लिए एसएमएस पर ध्यान न दें, न ही एमएमएस में दिये गये मोबाइल नंबर पर कॉल करें, सीधे अपने बैंक के शाखा, संबंधित सिम प्रदाता के स्टोर पर जायें। कोई भी केवाईसी फोन से नहीं होता है। गूगल पर सर्च किए गए कस्टमर नंबर का इस्तेमाल न करें, धोखा हो सकता है।
असली वेबसाइट https:// से शुरू होते हैं
रुपए प्राप्त करने के लिए किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना होता है और न ही पे के बटन को दबाएं। किसी भी समस्या के होने पर बैंक, ई-वॉलेट या अन्य संबंधित की असली वेबसाइट पर ही जाकर कस्टमर केयर नंबर या ईमेल आदि का इस्तेमाल करें। असली वेबसाइट https:// से शुरू होते हैं। साइबर क्राइम की घटना होने के तुरंत बाद 1930 या 112 पर तत्काल कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करायें या भारत सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल के माध्यम से जिसका URL- https://cybercrime.gov.in है पर शिकायत करें। मैनुअल रूप में नजदीकी थाने जाकर थाने पर स्थापित साइबर हेल्प डेस्क या साइबर क्राइम थाना पर भी शिकायत कर सकते हैं। साइबर ठगी होने पर डायल 1930 कर अपनी शिकायत रजिस्टर्ड करा कर ठगी किए गए पैसे पा सकते हैं वापिस।
ये भी पढ़ें : सेवा समिति आश्रम में मां झंडेवाली की चौकी का आयोजन