Aaj Samaj (आज समाज),ASP Mayank Mishra,पानीपत : डॉक्टर एमकेके आर्य मॉडल स्कूल में आयोजित ग्रीष्मकालीन शिविर में छठे दिन मुख्य अतिथि के रूप में पानीपत के एएसपी मयंक मिश्रा ने शिरकत की। उनके साथ नशा व मादक पदार्थ विरोधी संस्था से संदीप सिंह, साइबर थाना सब इंस्पेक्टर दीपक, ट्रैफिक एसएचओ रोशन लाल, जिला इंचार्ज आशु गौतम उपस्थित थे। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य मधुप परासर, प्रशासनिक अधिकारी दीपक गिरधर व जसबीर कुमार ने मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ भेंट किए। मयंक मिश्रा ने शिविर के अंतर्गत बच्चों को सिखाए जा रहे रचनात्मक और कलात्मक क्रियाकलापों की सराहना की साथ ही उन्होंने बच्चों की प्रतिभा को देखकर अचंभित होते हुए बच्चों के साथ शिविर में कुछ क्षण बिताए।
बच्चों के साथ एएसपी मिश्रा का एक नया रूप देखने को मिला
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कैंप बच्चों के बाैद्धिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास के लिए आयोजित किए जाते हैं। कार्यक्रम के दौरान शैक्षिक कार्यशालाओं, कला व शिल्प कक्षाओं, खेल और खेल जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा था जिसमें मयंक मिश्रा का एक नया रूप देखने को मिला। वह बच्चों के साथ ऐसे घुल मिल गए। विद्यालय के बच्चों के उन्नत भविष्य हेतु सिखाएं गए एक नई कला और नए ज्ञान के लिए, विद्यालय के इस अनूठी कार्यशैली की सराहना की। बच्चों द्वारा बनाए गए चित्र, कलाकृतियों इत्यादि को देखकर उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से बच्चों में छिपी प्रतिभा और भी ज्यादा निखरती है साथ ही साथ बच्चों में सामूहिक रूप से एकता की भावना आती है।
साइबर अपराध में कंप्यूटर और नेटवर्क शामिल
इसके साथ ही उन्होंने विद्यालय के छात्र-छात्राओं को अपराध के प्रति जागरूक करने का कार्य किया। अपराध के विषय में मुख्य अतिथि मयंक मिश्रा ने ज्ञानवर्धक भाषण देते हुए कहा कि साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिसमें कंप्यूटर और नेटवर्क शामिल है। किसी भी कंप्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना या कंप्यूटर से कोई अपराध करना कंप्यूटर अपराध कहलाता है। कंप्यूटर अपराध में नेटवर्क शामिल नहीं होता है। किसी की भी निजी जानकारी को प्राप्त करना और उसका गलत इस्तेमाल करना ही साइबर क्राइम कहलाता है।
नशा समाज को खोखला करता जा रहा है
इस विषय पर एएसपी ने बताया कि कंप्यूटर अपराध भी कई प्रकार से किए जाते है जैसे कि जानकारी चोरी करना, जानकारी मिटाना, जानकारी में फेर बदल करना, किसी की जानकारी को किसी और को देना या कंप्यूटर के भागों को चोरी करना या नष्ट करना। साइबर अपराध भी कई प्रकार के है जैसे कि स्पैम ईमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस को डालना, किसी की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त करना या किसी पर हर वक़्त नज़र रखना इत्यादि विद्यार्थियों को कहा कि किसी भी प्रकार की गलत गेमिंग, मुद्रा लेनदेन, गलत विज्ञापन, व्यक्तिगत आपत्तिजनक चित्र, आधार कार्ड संबंधित साइबर अपराध इन सब से बचे रहना चाहिए। युवाओं को सभी विसंगतियों से दूरी बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि नशा समाज को खोखला करता जा रहा है। जहां सबसे ज्यादा छात्रों को संलिप्त किया जाता है। इसके लिए उन्होंने सबको अपराध से बचने के लिए तथा इस प्रकार के अपराध में संलिप्त करने की कोशिश के लिए शिकायत दर्ज कराने हेतु हेल्पलाइन नंबर भी दिया।
इंटरनेट और मोबाइल ने किया बच्चों का सृजनात्मक विकास किया
विद्यालय के प्रधानाचार्य मधुप परासर, प्रशासनिक अधिकारी दीपक गिरधर व जसबीर कुमार ने कहा कि आजकल के समाज में जहां इंटरनेट और मोबाइल ने बच्चों और युवाओं का सृजनात्मक विकास किया है, वहीं पर इस क्षेत्र में अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं। इंटरनेट का प्रयोग करते हुए, लापरवाही बरतते हुए या फिर मौज-मस्ती के साथ चित्रों को देखते हुए उन्हें इस क्षेत्र में होने वाले अपराधों के प्रति जागरूक करने तथा इसका शिकार होने से बचने के उपाय को बताते हैं। इस कार्यक्रम की जानकारी से बच्चों में सजगता और साइबर अपराध के प्रति गहन जानकारी प्राप्त हुई। कार्यक्रम के समापन में विद्यालय द्वारा सभी मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।