नव निर्वाचित पालिका चेयरमैन अशोक कुच्छल ने अपने पर लगे आरोपों को गलत बताते हुए चुनावी याचिका रद्द करने की मांग की

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Panipat News/Ashok Kuchhal the newly elected chairman of Samalkha Municipality
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आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। भाजपा टिकट पर समालखा नगर पालिका के नवनिर्वाचित चेयरमैन अशोक कुच्छल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताते हुए अदालत से उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए दायर याचिका को रद्द करने की मांग की। वकीलों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के चलते केस की सुनवाई नहीं हो पाई। आगामी सुनवाई एडीशनल सिविल जज (सीनियर डिवाइजन) की अदालत मे 5 जुलाई को होगी।

शपथ पत्र में अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड को नहीं दर्शाया

गौर तलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने अशोक कुच्छल के गत 24 जून को अदालत मे चुनावी याचिका दायर कर अशोक कुच्छल के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की थी। याचिका मे कपूर ने आरोप लगाया कि अशोक कुच्छल ने अपने चुनाव नामांकन पत्र व शपथ पत्र में अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड को नहीं दर्शाया। जबकि 6 नवंबर 2017 को अशोक कुच्छल को समालखा पुलिस ने जिस्म फरोशी के केस में फिरौती के 20 लाख रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

आरोपित व्यक्ति नगरपालिका का चुनाव लड़ने के अयोग्य होता है

करीब सवा साल तक जेल मे रहने के बाद वह जमानत पर बाहर निकल पाया व 6 जुलाई 2018 को अदालत ने कुच्छल को संगीन जुर्मों में आरोपित भी किया। इस केस मे आरोप साबित हुए तो 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। हरियाणा पालिका इलेक्शन रूल्ज़ 1973 के सेक्शन 13 (ए) के उपनियम 1( ई)के अनुसार अदालत से 10 वर्ष या 10 वर्ष से अधिक की सजा वाले केस मे आरोपित व्यक्ति नगरपालिका का चुनाव लड़ने के अयोग्य होता है।

कुच्छल ने अपने विरुद्ध दायर चुनाव याचिका को गलत बताते हुए रद्द करने की मांग की

दूसरी ओर अशोक कुच्छल ने अदालत में आज दिए अपने लिखित जवाब मे स्वीकार किया कि उन पर केस दर्ज हैं व अदालत से आरोपित भी हैं, इस क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी समाचार पत्रों मे प्रकाशित करवाई थी। यह भी कहा कि कपूर ने चुनावी याचिका नियमानुसार चुनाव न्यायाधिकरण के समक्ष दायर नहीं की व चुनाव याचिका नियमानुसार चुनाव के दौरान सिर्फ भ्रष्ट तौर तरीके अपनाए जाने पर ही लगाई जा सकती है। कुच्छल ने अपने विरुद्ध दायर चुनाव याचिका को गलत बताते हुए रद्द करने की मांग की। अदालत में डीसी व एसडीएम की ओर से सरकारी वकील व नगरपालिका की ओर से बिल्डिंग इंस्पेक्टर विजय सिक्का पेश हुए।

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