आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने स्त्री शिक्षा की अलख जगाई। महिलाओं को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार दिलाया। विधवा पुनर्विवाह की वकालत कर स्त्री सम्मान का मार्ग प्रशस्त किया। स्त्री जाति महर्षि के उपकारों की सदेव ऋणी रहेगी। ये शब्द आर्य केंद्रीय सभा की प्रधान बेला भाटिया ने आर्य समाज मॉडल टाउन में महर्षि दयानन्द सरस्वती के तिथि अनुसार 200 जन्मोत्सव मनाते हुए समरोह को सम्बोधित करते हुऐ कही। बेला भाटिया ने कहा बाल विवाह पर रोक तथा सती प्रथा का विरोध कर स्वामी जी नारी सम्मान की नई इबारत लिख गए।
सत्यार्थ प्रकाश ही जीवन का सार है
महर्षि दयानन्द सरस्वती का 200वा जन्म महोत्सव समरोह का शुभारम्भ पंडित नन्द किशोर ने वैदिक मंत्रों से आहुति दिलाकर यज्ञ करवा कर किया। मुख्य यजमान आत्म आर्य ललिता आर्य, आर्यन काव्य सिंगला, भारत भूषण नागपाल पूजा तथा राजकुमार पूनम दुआ रहे। महिला आर्य समाज की नव निर्वाचित प्रधान अलका आहूजा ने ऋषि महिमा के मधुर भजन गाए और समरोह में बोलते हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आर्य समाज मॉडल टाउन शशि चड्डा ने कहा कि सत्यार्थ प्रकाश ही जीवन का सार है। विशिष्ठ अतिथि के रुप में इन इनर व्हील मिड टाउन की पूर्व प्रधान ज्योति रहेजा रही।
शशि चड्डा को उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया
समरोह में सभा प्रधान बेला भाटिया ने आर्य समाज मॉडल टाउन के प्रधान शशि चड्डा को उनके आर्य समाज के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया। मंच का कुशल संचालन मंत्री चन्द्र मोहन गुलाटी ने किया शांति पाठ के साथ समरोह संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से चंद्र गुलाटी, शशि चड्डा, आत्म आर्य, बलराज, संजीव मखीजा, आर्य, बीरमती सरोज आहूजा, शारदा बरेजा, सुधा बतरा, आत्म बरेजा, शकुंतला सिंगला, कमलेश लिखा, भूषण नागपाल पूजा ललिता आदि मौजूद रहे।