पानीपत। आर्य पीजी कॉलेज पानीपत ही नहीं बल्कि प्रदेश में शिक्षा का सिरमौर बन चुका है। प्रदेश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में शुमार आर्य पीजी कॉलेज, पानीपत आज से 68 वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया। 30 मई 1954 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री व महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू जगजीवन राम ने इस महाविद्यालय की नींव रखी। आर्य समाज के संस्थापक, महर्षि दयानंद सरस्वती के दर्शनशास्त्र से प्रेरणा लेते हुए मूल्य आधारित शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना इस शिक्षण संस्थान की पहली प्राथमिकता रही है। न केवल शैक्षणिक बल्कि सांस्कृतिक एवं खेलकूद के क्षेत्र में भी अपनी शानदार उपलब्धियों से आज आर्य पीजी कॉलेज प्रदेश के शिक्षण संस्थानों का सिरमौर बना हुआ है।
हवन-यज्ञ से होती है सत्र की शुरुआत
सत्र की शुरुआत हवन-यज्ञ से होती है और हजारों विद्यार्थी व शिक्षक गण हवन कुंड में एक साथ आहुति देकर भारतीय संस्कृति की बरसों पुरानी परंपरा का निर्वाह करते हैं। शैक्षणिक सत्र के दौरान हर सोमवार को महाविद्यालय प्रांगण में हवन होता है। महाविद्यालय की शुरुआत जहां केवल 242 विद्यार्थियों से हुई थी वहीं वर्तमान समय में शिक्षा के इस मंदिर में 5500 से ज्यादा छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह बड़े गर्व का विषय है कि इन विद्यार्थियों में लड़कियों की संख्या 3500 है और महाविद्यालय का ये प्रांगण समाज को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दे रहा है। किसी भी शिक्षण संस्थान की पहचान वहां के अनुशासन से होती है और आर्य महाविद्यालय प्रांगण का अनुशासन एक अनूठी मिसाल है। कॉलेज प्रांगण में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, विद्यार्थी यहां पूर्णतयः सुरक्षित महसूस करते है। आर्य कॉलेज का परिसर सुंदर पेड़-पौधों और फूलों से सुशोभित है। ये मन को शांति और मन को सुकून देते है। आज आर्य पीजी कॉलेज युवाओं की पहली पसंद बन चुका है।
शिक्षा के साथ संस्कारों पर भी जोर
इस महाविद्यालय से सभी विद्यार्थी अच्छी शिक्षा व संस्कार प्राप्त कर विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी सेवाएं दे रहें है। वर्तमान में आर्य पीजी कॉलेज में 5,500 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहें है। रोजगार उन्मुख कोर्स वर्तमान में आर्य कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए करीब 20 तरह के कोर्स उपलब्ध है जिनमें बीए, बीकॉम, बीकॉम ऑनर्स, बीएससी मेडिकल, नॉन मेडिकल, बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीए मास कम्यूनिकेशन, बीटीएम, बीसीए, बीबीए, एमए इंग्लिश, एमए अर्थशास्त्र, एमएससी मैथ, फैशन डिजाइनिंग, टेक्सटाईल डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग इत्यादि कोर्स है।
वातानूकुलित पुस्कालय
अगर शैक्षिणक स्तर की बात करें तो आर्य कॉलेज के होनहार विद्यार्थी हर वर्ष कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र द्वारा जारी परीक्षा परिणामों में लगभग 300 विद्यार्थी हर वर्ष केयूके की मेरिट सूची में अपना नाम दर्ज करवाते है। कॉलेज की सभी प्रयोगशालाएं वातानूकुलित होने के साथ-साथ सभी सुविधाओं से लेस है। छात्र और छात्राओं के लिए वातानूकुलित पुस्कालय है।
विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहें हैं
आगर सांस्कृतिक गतिविधियों की बात कि जाए तो कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित करनाल जोन के यूथ फेस्टिवल में पिछले 15 सालों से ओवरऑल ट्रॉफी, पिछले 6 सालों से इंटरजोनल व चार सालों से नॉर्थ इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और साथ ही चार सालों से ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी व साउथ ऐशियन इंटर यूनिवर्सिटी में आर्य कॉलेज के विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहें है। महाविद्यालय की हरियाणवी आर्केस्ट्रा और हरियाणी डांस की टीम ने तो कमाल कर दिखाया और राष्ट्रीय स्तर पर जीत का परचम लहराने के बाद साउथ एशियन देशों की प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के प्रदेश स्तरीय रत्नावली महोत्सव में भी आर्य कॉलेज के होनहार 3 बार ओवरऑल ट्रॉफी हासिल कर चुके हैं।
विभिन्न मंचों पर अपनी लाजवाब प्रस्तुति से बटोर चुके हैं खूब वाहवाही
यह ओपी शिंगला सभागार की ही देन है कि महाविद्यालय के ये कलाकार देश भर में विभिन्न मंचों पर अपनी लाजवाब प्रस्तुति से खूब वाहवाही बटोर चुके हैं। आर्य कॉलेज में 800 लोगों के एक साथ बैठकर कार्यक्रम देखने शानदार सभागार है। खेलों में भी आर्य कॉलेज के विद्यार्थी हर वर्ष शानदार प्रदर्शन कर रहें है। हर वर्ष आर्य कॉलेज के विद्यार्थी ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी खेलों में अच्छे खेल के प्रदर्शन की बदौलत विभिन्न सरकारी नौकरियों में अचनी सेवाएं दे रहें हैं। आर्य कॉलेज की कबड्डी, क्रिकेट, बेसबॉल की शानदार टीम है जो वर्ष भर अलग-अलग प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर कॉलेज का नाम रोशन कर रही है, विद्यार्थियों के लिए इंडोर और आउटडोर खेल के मैदान है। आर्य कॉलेज अनेक बार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के क्षेत्रीय युवा महोत्सव का सफल आयोजन कर चुका है जो महाविद्यालय के स्टाफ सदस्यों व विद्यार्थियों के प्रबंधन कौशल को दर्शाता है।
प्राचार्य डॉ जगदीश गुप्ता के अथक प्रयासों से इस मुकाम पर पहुंचा महाविद्यालय
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.जगदीश गुप्ता ने वर्ष 2007 से महाविद्याय को नं.1 बनाने के लिए दिन-रात एक कर रखा है। प्राचार्य पद पर आसीन डॉ. जगदीश गुप्ता बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। डॉ. गुप्ता ने 1990 में आर्य कॉलेज के वाणिज्य विभाग में बतौर सहायक प्रोफेसर के रूप में शुरुआत की। 17 वर्ष प्राध्यापक के रूप में सेवाएं देने के बाद वर्ष 2007 में डॉ. गुप्ता ने प्राचार्य का कार्यभार संभाला। इनके नेतृत्व में आर्य महाविद्यालय शैक्षणिक, सांस्कृतिक, खेलकूद एवं शोध के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। दूरदर्शी सोच, जीवन के प्रति सकारात्मक रवैया व बेहतर सूझबूझ का परिचय देते हुए डॉ. जगदीश गुप्ता आर्य महाविद्यालय को उन ऊंचाइयों पर ले गए जहां पहुंचना हर शिक्षण संस्थान का सपना होता है।
समाज हित के कार्यों में भी हमेशा अग्रणी
शिक्षा के साथ-साथ डॉ. जगदीश गुप्ता समाज हित के कार्यों में भी हमेशा अग्रणी रहते हैं। यह उनकी समाजसेवा की भावना का ही प्रतिफल है कि डॉ. गुप्ता को हरियाणा के राज्यपाल भी तीन बार सम्मानित कर चुके हैं। ये डॉ. जगदीश गुप्ता के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि वर्तमान समय में आर्य पीजी कॉलेज की गिनती केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में होती है। डॉ. गुप्ता के शानदार विजन और नेतृत्व कौशल की बदौलत आर्य पीजी कॉलेज ने देश के श्रेष्ठ 149 कॉलेजों में स्थान बनाया और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से इसे सीपीई अवार्ड से नवाजा गया। डॉ गुप्ता एक बेहतरीन शिक्षक के साथ साथ अच्छे समाजसेवी भी हैं।
देश की महान विभूतियों के सत्कार का मौका मिला
आर्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय को समय-समय पर देश की महान विभूतियों के अतिथि सत्कार का भी मौका मिला है। महाविद्यालय का भव्य परिसर श्री लाल बहादुर शास्त्री, श्री मोरारजी देसाई, श्री बीएन चक्रवर्ती, श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित, श्री रामधारी सिंह दिनकर जैसे अनेक नेताओं, बुद्धिजीवियों व साहित्यकारों के आगमन से सुशोभित होता रहा है।
डॉ. जगदीश गुप्ता महाविद्यालय का कुशल संचालन कर रहे हैं : कमल किशोर
कॉलेज को आगे बढ़ाने में प्रबंधन समिति का रहा है अतुलनीय योगदान महाविद्यालय प्रबंधन समिति की बागडोर हमेशा समर्पित तथा कर्मयोगी महानुभावों के हाथों में रही और महाविद्यालय को आगे बढ़ाने में प्रबंधक कमेटी के सभी सदस्यों का अपार सहयोग शुरुआत से ही मिलता रहा है। प्रबंधक समिति ने महाविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए समय-समय पर जरूरी प्रयास किए। प्रबंधक समिति के प्रधान सुरेन्द्र शिंगला ने बताया कि महाविद्यालय में उच्च दक्षता वाले प्राध्यापकों की नियुक्ति और विद्यार्थियों के लिए शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाना प्रबंधक समिति की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। प्रबंधक समिति के महासचिव सीए कमल किशोर का कहना है कि वर्तमान में महाविद्यालय के प्राचार्य पद पर आसीन डॉ. जगदीश गुप्ता महाविद्यालय का कुशल संचालन कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में महाविद्यालय शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद समेत तमाम क्षेत्रों में प्रगति के पथ पर अग्रसर है। महाविद्यालय प्रबंधक समिति के संस्थापक सदस्य रहे स्वर्गीय ओपी शिंगला का आर्य महाविद्यालय के प्रति उनका स्नेह व समर्पण भाव हम सभी को शिक्षा जगत में बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
कैंपस प्लेसमेंट व जन जागरूकता अभियान
महाविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस के स्वयंसेवक, वीमेन सेल, लीगल सेल, गांधीयन स्टडीज सेंटर, चरित्र निर्माण प्रकोष्ठ, रेडक्रॉस व रेड रिबन क्लब समाजसेवा के कार्यों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। समाजसेवा की प्रतीक ये इकाइयां वर्ष भर विभिन्न जन जागरुकता अभियान व गतिविधियों का आयोजन करती हैं और विद्यार्थियों को सकारात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं। महाविद्यालय की करियर गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए विभिन्न कार्यशालाओं और कैंपस प्लेसमेंट का आयोजन करती हैं। समय-समय पर देश-विदेश की प्रतिष्ठित कंपनियां इंटेल, विप्रो, एचसीएल, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई समेत टेक्सटाइल उद्योग से जुड़ी विभिन्न कंपनियां कॉलेज कैंपस में आकर विद्यार्थियों का चयन करके रोजगार प्रदान करती हैं। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की समुचित देखभाल करने के उद्देश्य से प्रबंधक कमेटी द्वारा महाविद्यालय प्रांगण में मेडिकल काउंसलिंग की सुविधा भी प्रदान की गई है।