Aaj Samaj (आज समाज),Art Of Living Panipat, पानीपत : गुरु पूर्णिमा गुरु के प्रति आभार प्रकट करने का दिवस है। महाभारत और पुराणों के रचयिता और गुरूओं के भी गुरू कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा के दिन हुआ था। इस तिथि को गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरू पूर्णिमा वह दिन है जब भक्त पूर्ण कृतज्ञता से भर जाता है और महान ज्ञान के प्रति अपना सम्मान प्रकट करता है, जो उसे अपने गुरु से प्राप्त हुआ है। यह समय है इस बात की समीक्षा करने का कि आप कितना ज्ञान में जीते है और आपने जीवन में कितना ज्ञान अर्जित किया है। भक्त एक अंतरिम सागर की तरह अनुभव करता है। गुरु पूर्णिमा भक्ति में विकास और कृतज्ञता का उत्सव है।
भजनों से वातावरण भक्तिमय हो उठा
आर्ट आफ लिविंग पानीपत चैप्टर द्वारा इस अवसर पर दिव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गुरु पूजा से की गई। पानीपत चैप्टर के गुरु पूजा पंडितों द्वारा सर्वप्रथम गुरु पूजा करवाई गई तत्पश्चात कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। गुरु भक्तों द्वारा गाए गए भजनों से वातावरण भक्तिमय हो उठा व श्रोता गण झूमने पर मजबूर हो गए। संपूर्ण वातावरण आनंद व गुरु के प्रति कृतज्ञता से भर उठा कार्यक्रम के उपरांत भोजन प्रसाद की भी व्यवस्था की गई कार्यक्रम के आयोजन में पानीपत आर्ट आफ लिविंग चैप्टर के सभी टीचर्स, वॉलिंटियर्स, सम्माननीय सेक्रेटरी डीडीसी मेंबर्स, वीडीसी मेंबर्स का सराहनीय योगदान रहा।