पानीपत। सावन मास के अंतिम सोमवार के दिन एमडी पब्लिक स्कूल में रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग बेंगलुरु आश्रम से आए स्वामी चैतन्य व वेदा पंडितों के द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ रुद्राभिषेक किया। वेद-शास्त्रों के अनुसार, सावन माह भोलेनाथका प्रिय माह होता है। इस माह में शिव जी को अभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अभिषेक करने से हर तरह के दुख-दर्द से छुटकारा मिल जाता है।
रुद्राभिषेक करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है
रुद्राभिषेक का मतलब है भगवान रुद्र का अभिषेक करना यानी शिवलिंग पर रुद्र मित्रों के साथ अभिषेक करना। सावन मास में रुद्राभिषेक करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है। शिवलिंग में अभिषेक जल, दूध के अलावा कई चीजों से किया जाता है जिसका फल अलग-अलग होता है। रूद्र पूजा भगवान शिव की आराधना की एक प्राचीन पद्धति है ऐसी मान्यता है कि यह पूजा बुराइयों का विनाश करने के साथ-साथ ग्रह दोष निवारण भी करती है एवं मनोकामना की पूर्ति करती है।
श्रावण मास रूद्र पूजा के लिए अति उत्तम मास
आज रूद्र पूजा का आयोजन एम डी पब्लिक स्कूल की चेयरपर्सन कुसुम धीमान द्वारा किया गया। पूजा के दौरान आशु मनचंदा व सुरेंद्र गोयल द्वारा गाए गए शिव भजनों भोले की जय जय, शिव जी की जय जय ओम जय शिव ओंकारा, शिव ओम शिव ओम, भोलेनाथ शंकरा है आदिनाथ शंकरा से वातावरण शिवमय हो उठा। कार्यक्रम के उपरांत स्वामी चैतन्य जी द्वारा उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा गया कि श्रावण मास रूद्र पूजा के लिए अति उत्तम मास है। वह इस दौरान लिए गए संकल्प का विशेष महत्व होता है। पूजा के उपरांत उपस्थित लोगों ने स्वामी जी से आशीर्वाद वह प्रसाद प्राप्त किया।
सामूहिक रूद्र पूजा ये रहे मौजूद
इस सामूहिक रूद्र पूजा के दौरान श्री सनातन धर्म महावीर दल सभा के प्रधान हेमंत लखीना उप प्रधान पंकज सेठी व अन्य सदस्य उपस्थित रहे। आर्ट ऑफ लिविंग के विभिन्न टीचर्स दीपक सिंघल, सुरेंद्र गोयल कृष्णागुप्ता, मोनिका गोयल, पूजा सिंघल, गौतम सेतिया, सागर तागरा व आर्ट ऑफ लिविंग परिवार के अन्य सदस्य संजीव मनचंदा विशाल गोस्वामी, अनीता खुराना, सत्यप्रकाश कालरा, हरीश बंसल जोगिंदर इत्यादि भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजन में विद्यालय अध्यापकों ज्योति, लीना, मनजीत, भावना, नेहा, दीक्षा, निधि, दीपिका, लीना, वनिता, सविता, अर्चना, जॉनी शर्मा, शालू, खुशबू कंचन इत्यादि का भी सराहनीय योगदान रहा।