पानीपत। महिलाएं हर मिथक को तोड़ रही हैं, नित नए सफलता के आयाम जोड़ रही हैं।।
भारतीय नारी अबला नहीं, बल्कि सशक्त है। अलबत्ता हर परिस्थिति से लड़ना जानती है। समाज की पुरुष-प्रधान मान्यताओं को बीते कई दशकों से महिलाओं ने चुनौती देते हुए हर क्षेत्र में स्वयं को स्थापित किया है। कई उदाहरण ऐसे भी देखने को मिलते हैं, जहां पुरुषों ने भी महिला विरोधी रूढ़ियों का विरोध किया और उनके समान अधिकारों की बात की। आज पानीपत की एक ऐसी ही सशक्त, बहुत ही गतिशील और लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता का जिक्र कर रहे हैं, जो विशेष रूप से इनरव्हील क्लब के सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शहर में अपनी पहचान बनाए हुए है, जो हमेशा महिला सशक्तिकरण और सामाजिक उद्यमिता में विश्वास करती हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं इनरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन (डिस्ट्रिक्ट 308) की चार्टर प्रेसिडेंट और नारी कल्याण समिति की प्रधान कंचन सागर की। पानीपत की औद्योगिक एवं ऐतिहासिक धरती पर 13 मई 1953 को जन्मी कंचन आज 70 साल की उम्र में भी सामाजिक कार्यों में बेहद सक्रिय हैं।
शैक्षिक योग्यता एवं पेशेवर यात्रा
कंचन सागर ने बीए, गृह विज्ञान के साथ और बीएड की। वर्ष 1975 में विद्या सागर जी से शादी हुई, जो पेशे से एक प्रसिद्ध चार्टर एकाउंटेंट हैं और एक व्यवसायी भी हैं। कंचन सागर बताती हैं कि परोपकार अपने घर से ही प्रारंभ होता है। उन्होंने अपनी मां से सब कुछ सीखा है। वह हर ज़रूरतमंद की मदद करती थीं। मां के दिए संस्कार और दया भाव उनके अंदर आज भी कायम हैं। कंचन सागर ने डा. एमकेके मॉडल स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एनएफएल, एमएएसडी पब्लिक स्कूल में भी अपनी सेवाएं दी हैं। इसके अतिरिक्त न्यू मधुबन पब्लिक स्कूल को निर्देशक और प्रधानाचार्यों के तौर पर संभाला। उनके द्वारा लगभग 200 विद्यार्थियों को बिल्कुल निःशुल्क पढ़ाया गया।
विभिन्न संगठनों व संस्थानों से जुड़ी कंचन सागर
कंचन सागर ने बताया कि वह 1987 में इनरव्हील में शामिल हुई, जो कि पहला सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय महिला संगठन है। फिर उन्होंने 1997 में एक नया क्लब बनाया और इनरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन डिस्ट्रिक्ट 308 की चार्टर प्रेसिडेंट बनीं। उन्होंने चार बार अध्यक्ष पद पर, दो बार कोषाध्यक्षी के रूप में, तीन बार क्लब के सचिव, आईएसओ, संपादक के रूप में काम किया। छह बार जोनल क्लब समन्वयक का प्रभार संभाल चुकी हैं। वर्ष 2010 से नारी कल्याण समिति की संचालिका हैं, जो एक गैर सरकारी संगठन हैं।
– सामुदायिक संपर्क समूह की वरिष्ठ सदस्या हैं।
– हार्ट टू हार्ट सोसाइटी चंडीगढ़ की आजीवन सदस्या।
– भारतीय महिला कल्याण समिति की पूर्व महा सचिव।
– हरियाणा वुशु कुंग फू एसोसिएशन पानीपत के पूर्व अध्यक्ष।
– हरियाणा क्रिकेट संघ की पूर्व अध्यक्ष।
– दैनिक भास्कर मधुरिमा क्लब भोपाल की सदस्य।
– दैनिक जागरण टीम, पानीपत के मेंटर।
– सबको रोशनी फाउंडेशन, पानीपत की गर्वित सदस्य।
समाज सेवा का 35 वर्षों का अनुभव
इन सभी संगठनों व संस्थानों से जुड़ी कंचन सागर विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यों में अग्रणीय भूमिका निभा रही है। साथ ही कई बार रक्तदान भी कर चुकी हैं। उन्हें समाज सेवा में करीब 35 वर्ष का अनुभव है। जरूरतमंदों को राशन, स्वयं सिले मास्क, रजाई, कंबल आदि का वितरण करतीं हैं।रेलवे स्टेशन पर मजदूरों को पैक्ड खाना बांटना, लोगों को मुस्कुराने और उन्हें जीवन का पाठ पढ़ाने के लिए कोविड समय में ज़ूम पर पम्मी आंटी के रूप में सामने आई, जिसे सब ने सराहा।
उपलब्धियां और पुरस्कार
कंचन सागर के समाज के प्रति उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए प्रशासन और अन्य संगठनों ने उन्हें कई पुरस्कार और प्रशंसापत्र प्रदान कर सम्मानित किया। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी और स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को कई बार सम्मानित किया गया। इनरव्हील क्लब पानीपत मिडटाउन ने उन्हें अगस्त 2022 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। वाइस ऑफ पानीपत ने महिला रत्न अवार्ड से नवाजा। क्लब ने भीष्म पितामह, राज माता आदि की उपाधि से सम्मान दिया।
सेवा परियोजनाओं की मुख्य विशेषताएं:
परियोजना 1 : गोद लिए गए पार्क में 1100 पौधे रोपने का लक्ष्य पूरा कर अंतरराष्ट्रीय इनरव्हील दिवस मनाया गया।
परियोजना 2 : गत 6 फरवरी को मुखीजा कॉलोनी के एक मंदिर में वाटर कूलर लगाया, जिसमें पानीपत की मेयर सुश्री अवनीत कौर मुख्य अतिथि थीं।
परियोजना 3 : गत वर्ष 8 मार्च को मॉडल टाउन इलाके में जानवरों के पानी पीने के लिए जगह-जगह बड़े-बड़े मटके लगाए गए थे.
परियोजना 4 : अंसल सुशांत सिटी में युवतियों व महिलाओं को मास्क व सेनेटरी पैड का वितरण किया।
परियोजना 5 : जिस गरीब लड़की के पिता की 26 अप्रैल को कोरोना में मृत्यु हो गई थी उसकी शादी का आयोजन किया और 70000/- से अधिक खर्च किया।
परियोजना 6 : 22 जून को जूम पर योग दिवस मनाया गया, जहां दिल्ली के श्री मोंटी बस्सी ने खुद को फिट और कोरोना से मुक्त रखने के लिए बेहतरीन टिप्स दिए।
परियोजना 7 : नीरूमा फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर में 18 सितंबर को *किलकारी* नाम से निशुल्क परामर्श शिविर का आयोजन किया, जहां 89 जोड़ों को निशुल्क परामर्श व जांच की गई।
परियोजना 8 : सेक्टर 25 के स्लम एरिया में 5 क्विंटल एटीटीए का वितरण किया।
परियोजना 9 : बच्चों को प्लास्टिक रैपर का इस्तेमाल नहीं करने बल्कि प्लास्टिक से ईकोब्रिक बनाने के लिए जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई। इसलिए 121 ईको ब्रिक्स एकत्रित किए, जिनमें 36 किलो और 300 ग्राम प्लास्टिक का इस्तेमाल हुआ।
परियोजना 10 : 28 नवंबर को, मेयर अवनीत कौर ने मॉडल टाउन में ईको-ब्रिक्स पार्क का उद्घाटन किया, जहां कंचन सागर द्वारा एक बेंच और ट्री गार्ड बनाया गया है। कुल 80,000/- खर्च किए।
परियोजना 11 : विभिन्न विद्यालयों में जाकर वहां की आवश्यकताओं को पूछ कर पूरा करने की कोशिश।
परियोजना 12 : घुमन्तु बच्चों के साथ पिकनिक मनानीं और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना।
परियोजना 13 : वृक्षारोपण
परियोजना 14 : सर्दी में झोपड़-पट्टी में जाकर जर्सी और राशन वितरण।
परियोजना 15 : अचानक कभी किसी ज़रूरतमंद को बीमारी, बच्चे की स्कूल फ़ीस आदि में पूरी मदद।
इन के अतिरिक्त समाज में बुराइयों का भी जड़ से नाश करना, विभिन्न त्योहार मनाना भी सम्मिलित हैं।
संघर्ष व चुनौती
कंचन सागर का कहना है कि बड़े से बड़ा संघर्ष तो अपने आप से था। बच्चे बहुत छोटे थे, जब समाज सेवा में आई थी, परन्तु मायके और ससुराल वालों ने उनका बहुत साथ दिया और राह आसान हो गई। दूसरा फंड्स की चुनौती जो अभी भी है। हम किसी की मदद करना चाहतें हैं और नहीं कर पाते, तब सभी सदस्याओं का सहयोग मिलता है। अपने आप से भी कितना खर्च कर देतें हैं आप को पता नहीं चलता। यहाँ यह बताना आवश्यक समझतीं हूँ कि हम ने प्रशासन से कभी हैल्प नहीं ली है। हम स्वयं ही सारा खर्च वहन करते हैं।
समाज को संदेश
कंचन सागर समाज को यही संदेश देना चाहतीं हैं कि परिवार को हर पल साथ रखें। उन के सहयोग से ही आगे बढ़ना आसान हो जाता है। अपने बच्चों को धार्मिक ग्रंथों की जानकारी दें। उन का सही मार्गदर्शन करें। उन्हें गर्व है अपने परिवार, कल्ब और समिति की सदस्याओं पर जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया।