आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत: स्थानीय आईबी पीजी महाविद्यालय में शारीरिक शिक्षा विभाग, एनसीसी, एनएसएस एवं संस्कारशाला क्लब द्वारा कॉलेज प्रांगण में अंबेडकर जयंती मनाई गई। इस उपलक्ष्य में कॉलेज प्राचार्य डॉ अजय कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि 14 अप्रैल का दिन देशभर में अंबेडकर जयंती के तौर पर मनाया जाता है। अंबेडकर भारत में दलितों व पिछड़े वर्गों के मसीहा थे इसीलिए लोग उन्हें बाबासाहेब कहकर बुलाते थे। बाबासाहेब ऐसे महान व्यक्ति थे जिन्होंने सब को आजादी और खुशी से जीना सिखाया। वह भारत में अपने समय के सबसे पढ़े लिखे लोगों में से एक थे विदेश से डॉक्टरेट की डिग्री लेने वाले वह पहले भारतीय थे।
भारत के संविधान निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाई
शारीरिक शिक्षा विभाग एवं एनसीसी के संयोजक लेफ्टिनेंट राजेश कुमार ने कहा कि बाबासाहेब ने भारत के संविधान निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाई, जिसके चलते उन्हें संविधान का जनक भी कहा जाता है। एनएसएस के संयोजक डॉ जोगेश ने कहा कि अंबेडकर ऐसे धर्म को मानते थे जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारा सिखाता है उनका मानना था कि जीवन लंबा होने की बजाय महान होना चाहिए। संस्कारशाला क्लब के संयोजक प्रो. अश्विनी गुप्ता ने कहा कि अंबेडकर जी ने 1936 में लेबर पार्टी का गठन किया और उन्होंने दलितों पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए बहिष्कृत भारत नाम के पाक्षिक और साहित्यिक पत्र निकाले। इस अवसर पर डॉ. शशि प्रभा, डॉ. किरण मदान, डॉ. निधान सिंह, डॉ. प्रवीण कुमार, प्रो. पवन कुमार, प्रो. विनय भारती, प्रो. नीतू मनोचा और टिंकू कुमार उपस्थित रहे।
ये भी पढ़ें : इमरान खान और बुशरा बीबी की शादी को लेकर बड़ा खुलासा, क्या कहा निकाह पढ़ने वाली मुफ्ती ने
ये भी पढ़ें : आस्ट्रेलिया में 2 दशक बाद मनाया पारंपरिक समारोह, मंदिर में उमड़े हजारों श्रद्धालु