• परिवार की बीपीएल कार्ड जैसी सुविधाएं काट दी
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। शहर की देशराज कॉलोनी में करीब ढाई साल पहले एक महिला एसिड अटैक का शिकार हुई थी, इस एसिड अटैक के बाद महिला की आंखों की रोशनी 90 प्रतिशत तक चली गई और वह काम काज करने में असमर्थ हो गई। चेहरे की खूबसूरती तो गई ही, लेकिन उसका काम छूट गया। वहीं अब सरकारी तंत्र उसके साथ भद्दा मजाक कर रहा है। फैमिली आईडी में आज भी महिला की इनकम 10 हजार रुपए प्रति माह और फैक्ट्री में 12 हजार रुपए मजदूरी करने वाले पति की इनकम 25 हजार प्रति माह दर्शाई गई है। जिसके चलते परिवार की बीपीएल कार्ड जैसी सुविधाएं काट दी। अब परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बीपीएल कैटेगरी से भी नाम कट गया

पीड़ित ने बताया उस पर एसिड अटैक होने से पहले गए फैक्ट्री में काम किया करती थी और घर पर भी वह सिलाई मशीन पर हैंडलूम से जुड़े कार्य करती थी। जिससे उसकी इनकम 10 से 15 हजार हो जाती थी। वहीं, उसके विकलांग पति की इनकम भी 12 से 13 हजार रुपए थी। उस समय की फैमिली आईडी में उनकी फैमिली की इनकम 12 हजार रुपए प्रतिमाह दर्शाई गई थी। परंतु जब आज उस पर खर्चो का बोझ बढ़ गया है और वह नौकरी करने के काबिल भी नहीं रही तो उसकी इनकम आज भी 10 हजार प्रति माह दर्शाई गई है। पति की इनकम 25 हजार प्रति माह दिखाई गई है। जिसके कारण उनका बीपीएल कैटेगरी से भी नाम कट गया है। उस पर तीन तीन बच्चों का पढ़ाई का खर्चा और घर का खर्च चलाने में बड़ी मुसीबतों का सामना करती है और सरकारी तंत्र उसे दर-दर की ठोकरें खिला रहा है।

केस को अनट्रेस दिखाकर बंद कर दिया

26 अक्टूबर 2020 को महिला दोपहर में लंच के बाद बीमार होने के चलते फैक्ट्री से घर वापस लौट रही थी। तभी दो नकाबपोश युवकों ने बाइक पर आकर उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया था। इस एसिड अटैक का वीडियो भी वायरल हुआ। पुलिस ने आरोपियों पर लाखों रुपयों के इनाम की घोषणा भी की। महिला ने संदिग्ध लोगों के नाम भी बताए, लेकिन 2 साल की तहकीकात के बाद पुलिस ने इस केस को अनट्रेस दिखाकर बंद कर दिया।