आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। जीटी रोड स्थित स्थानीय आईबी पीजी महाविद्यालय में रविवार को एनएसएस और एनसीसी यूनिट द्वारा एक वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य विषय था” सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय”। इसके मुख्य वक्ता दयाल सिंह कॉलेज, करनाल के इतिहास के विभागाध्यक्ष डॉ प्रवीण कुमार ढांडा रहे। कॉलेज प्राचार्य डॉ अजय कुमार गर्ग ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा आजाद भारत के पहले गृहमंत्री थे यह एक ऐसे नेता थे जिनका भारत निर्माण में अतुल्य योगदान रहा। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उनकी पहली प्राथमिकता देसी रियासतों को भारत में शामिल करना था
कॉलेज उप प्राचार्य प्रोफेसर पीके नरूला ने कहा कि सरदार पटेल ने महात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। उनकी पहली प्राथमिकता देसी रियासतों को भारत में शामिल करना था। पटेल के बारे में वक्तव्य देते हुई डॉक्टर प्रवीन ढांडा ने बताया कि पटेल ने गृह मंत्री, उप प्रधानमंत्री व सूचना व प्रसारण मंत्री के रूप में भारतीय एकता व अखंडता के लिए जो प्रयास किये उनकी वजह से ही पटेल की तुलना बिस्मार्क से की जाती है। पटेल ने 562 रियासतों के एकीकरण के लिए जो प्रयास किया, उन्हीं की वजह से ही उनको आधुनिक भारत का निर्माता भी कहा जाता है।
स्वतंत्रता की लड़ाई में सरदार वल्लभभाई पटेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है
डॉक्टर ढांडा ने बताया कि जूनागढ़, हैदराबाद, जोधपुर, भोपाल, त्रावनकोर, सौराष्ट्र, काठियावाड़, बड़ौदा, राजस्थान, उदयपुर, इंदौर, भोपाल, मणिपुर, असम, मैसूर आदि रियासतों को भारत में सम्मिलित कराने के लिए पटेल ने है जो योगदान दिया उसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। पटेल के प्रयासों की वजह से ही एक भारत अखण्ड भारत का सपना साकार हुआ है। एनएसएस के संयोजक डॉ जोगेश कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई में सरदार वल्लभभाई पटेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है जिसके कारण उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है। एनसीसी के संयोजक लेफ्टिनेंट राजेश कुमार जी ने कहा कि भारत को एक ही करण करने में सरदार वल्लभभाई पटेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
वेबीनार को सफल बनाने में प्रो. रितु ने अहम भूमिका निभाई
मंच का संचालन प्रो. नीतू मनोचा द्वारा किया गया। वेबीनार के अंत में विद्यार्थी श्रुति तिवारी ने गुटनिरपेक्षता पर डॉ प्रवीण कुमार से प्रश्न किया। डॉ प्रवीण कुमार ने इसका उत्तर देते हुए कहा कि “गुटनिरपेक्षता का सामान्य अर्थ है विभिन्न शक्ति से अलग रहते हुए स्वतंत्र विदेश नीति और राष्ट्रीय हित के अनुसार न्याय का समर्थन करना” जोकि सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया। इस वेबीनार में लगभग 162 स्वयंसेवकों, कैडेट्स और प्राध्यापकों ने भाग लिया। इस वेबीनार को सफल बनाने में प्रो. रितु ने अहम भूमिका निभाई।