आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। महर्षि दयानंद संस्थान वेद मंदिर के प्रथम स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित संगीतमय भव्य वैदिक राम कथा के आयोजन की तैयारियां हेतु एक बैठक का आयोजन प्रधान सुरेश आहूजा के निवास स्थान पर किया गया। जोकि 1 से 5 फरवरी तक (श्री राधाकृष्ण मन्दिर के सामने वाली गली में) सावन भादों पार्क आठ मरला पानीपत में होगी। कथा का समय बुधवार से शनिवार दोपहर 3:30 से सायं 7:00 तक तथा पूर्णाहुति एवं भण्डारा रविवार प्रातः 9:00 से 1:00 बजे तक रहेगा। जिसमें प्रख्यात वैदिक रामकथा वाचक बहन अंजलि आर्या अपने सहारनपुर के साथी कलाकारों के साथ पधार रही है। बैठक का शुभारंभ आचार्य संजीव वेदालंकार ने मंत्रोच्चारण द्वारा किया।
सभी व्यवस्थापकों को आरक्षित कर उनकी जिम्मेवारी तय की
आचार्य ने कहा कि जो राम को लाए हैं लोग उन्हे सरकार में ले आए, आप भी एक अच्छे प्रयास द्वारा समाज को नई प्रेरणा देने जा रहे हैं मर्यादा पुरुषोत्तम रामचन्द्र जी भी आपका कार्यक्रम सफल करेंगे और निश्चय ही आप पानीपत में एक इतिहास लिखने जा रहे हैं। प्रबल संभावना है कि सभी समाजों का प्रत्येक व्यक्ति आपकी इस समाजिक व धार्मिक पहल में आगे आकर आपका सहयोग करेंगे। कोषाध्यक्ष रामचंद्र गल्हयाण ने पूरा लेखा-जोखा प्रस्तुत किया तथा महर्षि दयानंद संस्थान वेद मंदिर न्यास के पंजीकरण की शुभ सूचना दी। महामंत्री धीरज कपूर ने रामकथा हेतु की गई पूरी व्यवस्था की जानकारी देते हुए विस्तृत से होने वाले पूरे खर्च का विवरण प्रस्तुत किया। प्रधान सुरेश आहूजा जी ने सर्वसम्मति से कार्यक्रम हेतु मंच, पंडाल, लाइट, साउँड तथा भोजन लंगर आदि की व्यवस्था की समीक्षा की तथा मौके पर ही सभी व्यवस्थापकों को आरक्षित कर उनकी जिम्मेवारी तय की।
सुझाव अनुसार प्रारुप तैयार किया
कार्यक्रम के अध्यक्ष कर्नल सतीश ओबरॉय, स्वागताध्यक्ष विजय शर्मा, प्रबन्धक कृष्ण आर्य, संरक्षक हरिकिशन लांबा, संरक्षिका शशि अग्रवाल, महिला प्रधाना सरिता आहूजा, मंत्राणि ज्योति ठकराल, संभार बलजीत यादव, उपप्रधान ओम खरब, मन्त्री वरुण वधावन, सहमंत्री मोनू गांधी, समन्वयक राणा ठकराल को नियुक्त किया गया। बैठक की अध्यक्षता सुशीला भाटिया ने की। अतिथियों के बैठने व प्रसाद आदि की व्यवस्था, आमंत्रित विद्वानों के रहने खाने की व्यवस्था व ऋषिलंगर की व्यवस्था पर सभी सुझाव अनुसार प्रारुप तैयार किया गया। बैठक का समापन संगीता व सोनिया आर्या ने शांतिपाठ द्वारा की।