Aaj Samaj (आज समाज),58th Memorial Day of Mateshwari Jagdamba Saraswati, पानीपत: प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रथम प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती का 58वां स्मृति दिवस योग-तपस्या दिवस के रूप में मनाया गया। इसी के चलते शनिवार को पानीपत या आसपास के सभी सेवा स्थानों पर भी बीके भाई बहनों ने योग साधना कर पूरे विश्व में शान्ति ओर सुख के प्रकम्पन्न फैलाए। यह जानकारी देते हुए पानीपत सर्कल इंचार्ज बीके सरला बहन जी ने कहा कि पानीपत के सभी सेवाकेन्द्रों पर 24 जून का दिन न केवल मातेश्वरी जी के स्मृति दिवस के रूप में बल्कि समर्थी दिवस के रूप में भी मनाया गया। बहन ने आगे विदित कराया कि इस दिन प्रवचनों में मातेश्वरी के गुणों एवं विशेषताओं के बारे में ही सुनाया जाता है।
सभी ब्रह्मावत्सों को भोग वितरित किया गया
ज्ञान मानसरोवर निदेशक बीके भारत भूषण ने बताया कि आज सभी बीके भाई-बहनों ने योग साधना द्वारा स्वयं को असीम रूहानी शक्ति से भरपूर किया ओर साथ ही दोपहर तक सभी मौन में रहे। फिर मातेश्वरी जी को भोग स्वीकार कराया गया। बाद में सभी ब्रह्मावत्सों को भोग वितरित किया गया। सेक्टर 12 स्थित हुडडा के ओमशान्ति भवन की संचालिका बी के सुनीता बहन ने बताया कि आज के दिन (24जून 1965 को) मातेश्वरी ने अपनी स्थूल देह का त्याग कर जीवन भर की तपस्या के बल से संपूर्ण अवस्था को प्राप्त कर लिया था।
हमको देखकर दूसरे भी वैसा ही कर्म करेंगें
मातेश्वरी जी की विशेषताओ को सुनाते हुए बहन ने कहा कि वो हमेशा कहा करती थी कि हर घड़ी को अन्तिम घड़ी समझ कर जीना चाहिए तो फिर कभी हमसे कोई पाप कर्म नही हो सकता ओर हमें सदा श्रेष्ठ कर्म ही करने चाहिए क्योकि जैसा कर्म हम करेंगे, तो हमको देखकर दूसरे भी वैसा ही कर्म करेंगें। इसी श्रृखंला में सुखदेव नगर शाखा संचालिका बी के कविता बहन व तहसील कैंप शाखा संचालिका बी के बिन्दु ने भी मातेश्वरी जी के जीवन चरित्रों पर प्रकाश डाला। बहन ने प्रेरणा देते हुए कहा कि हम सब को भी उनके पदचिन्हो पर पर चलकर अपना जीवन पवित्र बनाना चाहिए, यही उनके प्रति श्रेष्ठ श्रदांजली होगी।