Panipat News 450 वर्ष से निभा रहे भाईचारा, खांडा से निकलकर पानीपत में बसा था दहिया का गांव अदियाना

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Panipat News 450 years of brotherhood

खरखौदा। खरखौदा के खांडा गांव से 5 गांवों की निकासी हुई है, जिसमें झरोठ, झरोठी, आंनदपुर, गुढ़ा खेड़ा व अदियाना गांव हैं। अदियाना गांव करीब 450 वर्ष पहले पानीपत जिले में जाकर बसा था। इस गांव से एक दल अपने गांव की जन्म स्थली एरिया में पहुंचे और यहां के लोगों से मिलकर अपने विचार सांझा किए। पानीपत का अदियाना गांव इकलौता दहिया गौत्र का गांव है। पानीपत जिले के 10 बड़े गांवों में इस गांव का नाम शामिल हैं। पिछले साढ़े चार सौ सालों से यहां के बुजुर्गो ने अपना भाईचारा हमेशा निभाया है। खरखौदा में हुई वर्ष 1911 की ऐतिहासिक बरोणा गांव की महापंचायत हो या अन्य दहिया खाप की पंचायतें हों। हमेशा बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। वर्षों से अपना भाईचारा निभा रहे हैं और दुख हो या सुख हो खरखौदा के आसपास बसे दहिया के गांव में जरूर पहुंचते हैं। मौजूदा हाल में करीब 10 सदस्यीय दल झरोठ गांव में जिला परिषद चेयरपर्सन मोनिका दहिया व पूर्व चेयरमैन राजबीर दहिया के फार्म हाऊस पर पहुंचे। जहां पर उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि जब भी मौका लगता है दुख अथवा सुख की घड़ी में उनके पूर्वज लगातार इस एरिया में आते रहें हैं और वे भी इस परमपरा को निरंतर निभा रहें हैं और भविष्य में भी निभाते रहेंगे। भाईचारा हमेशा बरकरार रहे, इसलिए अपने भाईयों से मिलने के लिए आते हैं और वे खुद भी वहां पर जाते हैं। पूर्व चेयरमैन राजबीर दहिया ने बताया कि झरोठ, झरोठी व आनंदपुर गांव से भी भाईचारे की मिशाल को कायम रखते हुए हर दूसरे तीसरे महीने जब भी मौका मिलता है अदियाना गांव में जाकर अपने भाईयों से मिलते हैं। अदियाना गांव से आए दल के सदस्य चांद सिंह ने बताया कि खरखौदा के खांडा गांव से भी उनके गांव की निकासी हुई है, दहिया गोत्र का पानीपत में अदियाना गांव के वे रहने वाले हैँ। जहां पर मौजूदा हाल में करीब 7 हजार मतदाता हैं। 19 पीढ़ियों का यहां पर इतिहास हैं। लेकिन सभी 19 पीढियों ने अपने दहिया भाईयों से हमेशा भाईचारा बनाए रखा है और भविष्य में भी बनाए रखेंगे। इसी तरह से आते जाते रहेंगे, एक दूसरे की आवश्यकता होगी तो उसे निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनके खून के रिश्ते यहीं से जुड़े हुए हैं। इसलिए जब भी वे यहां पर आते हैं उन्हें लगता है कि वे अपने बड़े भाईयों के घर आ गए हैं यहां पर उन्हें मन की बहुत अधिक शांति मिलती हैं। ये रिश्ता उनकी पीढ़ियां भी निरंतर निभाती रहेंगे। इस मौके पर अदियाना गांव से आए चांद सिंह दहिया, रामेंहर सिंह दहिया, सतपाल दहिया, संदीप दहिया, राजेंद्र सिंह, जयसिंह, शिव पाल दहिया सहित विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित रहे।