- नेत्रदान में जन सेवा दल की अहम भूमिका
- जनसेवा दल ने 7 सालाें में 695 लाेगाें की मरणोपरांत आंखें कराई डाेनेट
आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। जिले में राष्ट्रीय अंधता व दृष्टि क्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 37वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम 25 अगस्त से 8 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। इस दौरान जिला वासियों को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया जाएगा। सिविल अस्पताल में पिछले दाे सालाें में करीब ढाई हजार, सीएचसी-पीएचसी में भी लगभग एक हजार लोग नेत्रदान के लिए संकल्प पत्र भर चुके हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले दाे साल में करीब 14 लाेगाें की मरणाेपरांत आंखें लेकर पीजीआई भिजवाई हैं। वहीं जनसेवा दल द्वारा पिछले 7 सालाें में 695 लाेगाें की मरणोपरांत आंखें डाेनेट कराई जा चुकी हैं। अस्पताल में 3 नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। चिकित्सीय टीम मौके पर पहुंचकर आखें कलेक्ट करती है।
देश में करीब 1.20 लाख लोग हैं कॉर्निया दृष्टिहीनता से पीड़ित
राष्ट्रीय नेत्रहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के आंकड़ों के मुताबिक 1.20 लाख देशवासी कॉर्निया दृष्टिहीनता से पीड़ित हैं। देश में हर साल 25 से 30 हजार कॉर्निया दृष्टिहीनता के मामले बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में अंधत्व की दर 1.1 है, जबकि राष्ट्रीय दर इससे अधिक है। जिले में प्रत्येक वर्ष 1500 से अधिक लोग नेत्रदान का संकल्प लेते हुए फॉर्म भरते हैं। लेकिन मरणोपरांत नेत्रदान के मामले 250-300 ही आते हैं।
जन सेवा दल वर्ष 2012 से कर रहा है जागरूक
जन सेवा दल के सचिव चमन गुलाटी ने बताया कि 2012 में लोगों को नेत्रदान के लिए प्रति जागरूक करना शुरू किया था। नेत्रदान के लिए प्रेरित करने के साथ ही दान करने वालों के परिवार को एक स्मृति चिन्ह दिया जाता है। चमन गुलाटी ने कहा कि नेत्रदान के प्रति अब लोग पहले से ज्यादा जागरूक होते जा रहे हैं। रक्तदान की तरह हो नेत्रदान भी बहुत बड़ा महादान है। इस दान से दृष्टिहीनों को दृष्टि मिलती है तो देने वाले को पुण्य प्राप्ति होती है।
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