पानीपत। रिफाइनरी स्थित 2जी इथेनॉल परियोजना में कार्यरत ठेकेदार कंपनी शिल्पी के सैंकड़ों श्रमिकों ने कई महीनों से वेतन ना मिलने और बिना नोटिस दिए काम से हटाने के विरुद्ध एकत्रित होकर प्लांट का गेट बंदकर ठेकेदार कंपनी और रिफाइनरी अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए जमकर नारेबाजी की।
समस्या का समाधान न होने तक गेट को बंद रखने की चेतावनी
श्रमिकों ने समस्या का समाधान न होने तक गेट को बंद रखने की चेतावनी दी और प्लांट में कार्यरत अन्य किसी भी कंपनी के श्रमिक को प्लांट के अंदर काम पर नही जाने दिया। 2जी इथेनॉल परियोजना का काम बंद होने से ठेकेदार कंपनियों और रिफाइनरी को लाखों रुपए के आर्थिक नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। शुक्रवार सुबह से ही शिल्पी कंपनी के सैकड़ों श्रमिक 2जी इथेनॉल परियोजना गेट पर इकट्ठे हुए और दो-तीन महीनों से कंपनी द्वारा वेतन न देने और बिना नोटिस दिए श्रमिकों को काम से हटाने के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए प्लांट का गेट बंद कर ठेकेदार कंपनी और रिफाइनरी अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
कई बार की शिकायत, नहीं हुआ समाधान
श्रमिकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शिल्पी कंपनी द्वारा वेतन न देने की शिकायतें हमने कई बार कंसलटेंट कंपनी और रिफाइनरी अधिकारियों को की और इसी एवेज में कई दिन पहले हमने प्लांट के गेट पर एकत्रित होकर ठेकेदार कंपनी द्वारा वेतन न देने के खिलाफ सांकेतिक प्रदर्शन किया था। उस समय रिफाइनरी अधिकारियों ने बीच बचाव करते हुए हमारा वेतन दिलाने और हमारी समस्याओं का समाधान करवाने का आश्वासन देकर हमारे सांकेतिक प्रदर्शन को समाप्त करवा दिया था। परंतु हमारी समस्या का समाधान आज तक नही हुआ।
बिना नोटिस काम से हटाया
श्रमिकों ने बताया कि ठेकेदार कंपनी द्वारा उन्हें बिना नोटिस दिए ही काम से हटाने के आदेश दे दिए। उन्होंने बताया कि कई दिन पहले ठेकेदार कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें कहा कि कल से आपको काम पर नहीं आना है। श्रमिकों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को काम से हटाना हो तो उसे कम से कम एक महीना पहले नोटिस दिया जाता है, ताकि वह किसी अन्य दूसरी जगह अपना काम ढूंढ सके। उन्होंने बताया कि अब एकदम काम चले जाने के कारण उनके बच्चों की आजीविका कैसे चलेगी।
ये है मुख्य समस्याएं
श्रमिकों ने बताया कि हम पिछले लगभग एक डेढ़ वर्ष से शिल्पी कंपनी में काम कर रहे हैं। जब किसी कंपनी से किसी श्रमिक को हटाया जाता है या उसका फाइनल किया जाता है तो उस समय श्रमिक को डिमांड के रूप में आर्थिक मदद दी जाती है। इसलिए हमें भी हमारी डिमांड दिलाई जाए। श्रमिकों ने बताया कि एक तो ठेकेदार कंपनी द्वारा हमें वेतन समय पर नहीं दिया गया, दूसरा हमें बिना नोटिस हटाया जा रहा है और तीसरा हमें डिमांड भी नहीं दी जा रही। जब तक हमारी समस्याओं का समाधान नही हो जाता तब तक हम गेट बंद रखेंगे और किसी भी श्रमिकों प्लांट के अंदर नहीं जाने देंगे। खबर लिखे जाने तक 2 जी इथेनॉल परियोजना का गेट बंद था और श्रमिक गेट पर ही डटे हुए थे।
वर्जन
श्रमिकों की समस्याओं का समाधान कर दिया गया है और जल्दी ही 2जी इथेनॉल परियोजना गेट खुलवा दिया जाएगा।
रश्मि तिरु, मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन रिफाइनरी।