आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। कान्हा गौवंश रक्षा उपचार एवं कल्याण संस्था समालखा में शशिकांत इंटरनेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट समालखा द्वारा बेसहारा गौवंश के लिए हरा चारा खिलाने के लिए 12 खोरों के बाद और नई 12 खोरेँ रखवाई हैं। अब तक कुल 24 खोर रखवाई जा चुकी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि हरा चारा बेसहारा गौवंश को जमीन पर न खिलाएं वहां पर कांच, नुकीले वस्तु गिरी रहती है। जिस कारण गौवंश के पेट में जाकर बिमारी होने का खतरा रहता है। हमारा प्रयास है कि हम जिस गांव में बेसहारा गोवंश के लिए खोरे रख रहे हैं। शशिकांत कौशिक ने कहा कि जो इंसान गौसेवा करता है वह इंसान 33 करोड़ देवी देवताओं की सेवा करता है। इसलिए हमें अपने जीवन में कुछ समय गऊ-माता की सेवा के लिए जरूर निकालना चाहिए। संस्था के सदस्यों ने बड़े भाई शशिकांत कौशिक जी का आभार व्यक्त किया और उनके उज्जवल भविष्य की गौमाता से प्रार्थना की।
इन गांवों में रखवाई खोरें
गांव :- चुलकाना
गांव :- छदिया भोरा
गांव :- किवाना
गांव :- मनाना
गांव:- डिकाडला
गांव :- गढ़ी छाछू
गांव :- गढ़ी छाछू रोड़ नजदीक केला गोदाम
गांव:- अनाज मंडी समालखा 01
गांव:- वार्ड न.04 समालखा 01
गांव:- वार्ड नं. 05 समालखा 01
गांव:- ऑफिसर कॉलोनी समालखा 01
गांव:- गांधी कॉलोनी समालखा 01
गांव :- पावटी 01
गांव:- हथवाला में 02
गांव:- राक्सेड़ा में 01
गांव :- जौरासी में 01
गांव:- सनौली 01
गांव :- भापरा 01
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर शुशील कौशिक, आचार्य कुलम डिकाडला आचार्य हरमेश, सतीश गाहल्याण, प्रदीप गाहल्याण, लालू प्रजापत, सुरेन्द्र प्रजापत, अंकुश जौरासी, सोमबीर जौरासी, बलबीर गाहल्याण, प्रवीण जांगड़ा, दिलावर, पंडित पाल हलवाई, जयसिंह गाहल्याण, प्रमोद डिकाडला, प्रदीप गढ़ी छाछू, बिजेंद्र गढ़ी छाछू, राजेन्द्र किवाना, रणबीर किवाना, कृष्ण किवाना, सुनील किवाना,संजू मनाना, अजय मनाना, मंदीप भापरा, प्रिंस वर्मा, गौरव समालखा, अंकित उप्पल, संचित अरोड़ा, गौरव वर्मा, सागर कश्यप, राहुल कश्यप, संदीप मनाना, नीरज मनाना, प्रवेश छदिया, कपिल छदिया, मनीष पूजारी छदिया,नभा छदिया, रामकरण छदिया, रामकुमार गढ़ी छाछू, भगवत वशिष्ठ बिहौली, जगबीर रावल , अंकित उप्पल, सुरेन्द्र कौशिक चुलकाना, रामपाल शर्मा चुलकाना, सुनील चुलकाना, राजू पंडित चुलकाना, सुभाष चुलकाना, प्रवेश बाजूवान चुलकाना, सतीश मास्टर चुलकाना, चरणसिंह किवाना, आयूष कौशिक चुलकाना, सचिन चुलकाना, अंकित उप्पल, प्रदीप भापरा आदि गौभक्त मोजूद रहे।