Panipat Municipal Corporation : आरटीआई खुलासा : पानीपत नगर निगम ने पिछले 13 वर्षों में सफाई कार्य पर कुल 235 करोड़ से ज़्यादा खर्च किए

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Panipat Municipal Corporation
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Aaj Samaj (आज समाज),Panipat Municipal Corporation, पानीपत : आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने नगर निगम से प्राप्त आरटीआई दस्तावेजों से खुलासा करते हुए बताया कि नगर निगम पानीपत ने स्वच्छता कार्यों पर वर्ष 2010 से 2023 के बीच 13 वर्षों में कुल 235,67,95,096 रुपये खर्च किए हैं। गत 13 वर्षों में यह वृद्धि करीब 1400 परसेंट वार्षिक है। कांग्रेस शासनकाल में वर्ष 2910-11 में नगर निगम का स्वच्छता पर कुल वार्षिक खर्च 2,96,33,860 रुपये था, जो भाजपा शासनकाल में वर्ष 2022- 23 में बढ़कर 40,58,02,283 रुपये हो गया।

  • कांग्रेस शासनकाल में स्वच्छता पर खर्च मात्र 2.96 करोड़ वार्षिक तो भाजपा शासनकाल में बढ़ कर खर्च हुआ 40.58 करोड़ रुपये वार्षिक
  • कांग्रेस शासनकाल(वर्ष 2014) में सफाई कर्मियों की संख्या 775 थी, वर्ष 2023 में भाजपा शासनकाल में घट कर 537 रह गई
  • 13 वर्षों में स्थाई सफाई कर्मी 383 से घट कर 155 हुए, जबकि अस्थाई सफाई कर्मी 51 से बढ़ कर 382 हुए

 

स्वच्छता अभियान के नाम पर सफाई कार्यों में खुली लूट चल रही है

ये खुलासा करते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में स्वच्छता अभियान के नाम पर सफाई कार्यों में खुली लूट चल रही है व स्थाई कर्मचारी कम किये जा रहे हैं। कपूर ने बताया कि जहाँ कांग्रेस शासनकाल में वर्ष 2014-15 में स्वच्छता कार्यों पर कुल वार्षिक खर्च मात्र 6.31 करोड़ रुपये था, वहीं वर्ष 2022-23 में भाजपा शासनकाल में ये खर्च 6 गुना बढ़ कर 40. 58 करोड़ रुपये वार्षिक हो गया, लेकिन इतना खर्च करने के बावजूद भी शहर में सफाई की सूरत बद्द से बदतरीन हो गई। आरोप लगाया कि स्वच्छता पर खर्च के नाम पर भारी भरकम धनराशि निजी ठेकेदारों और भाजपा नेताओं की जेबों, तिजोरियों में जा रही है। डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली जेबीएम कम्पनी नगर निगम से भी मोटी धनराशि प्रति माह ले रही है, वहीं जनता से भी रसीदें काट कर सफाई टैक्स  लिया जा रहा है।

कांग्रेस व भाजपा शासनकाल की चौकाने वाली तुलनात्मक स्थिति

भाजपा शासनकाल में नगर निगम द्वारा सफाई कार्यों का निजीकरण करके व स्थाई सफाई कर्मचारियों की भर्ती न करके निजी ठेकेदारों से काम करवाया जा रहा है। कांग्रेस शासनकाल में वर्ष 2010-11 में सफाई पर कुल वार्षिक खर्च करीब 2.96 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2022-23 में भाजपा शासनकाल में बढ़ कर करीब 40.58 करोड़ रुपये वार्षिक हो गया। मार्च 2014 में कांग्रेस शासनकाल में 308 स्थाई व 467 अस्थाई सहित कुल 775 सफाई कर्मचारी नियुक्त थे। लेकिन 9 वर्ष बाद वर्ष 2023 में भाजपा शासनकाल में स्थाई सफाई कर्मचारियों की संख्या घट कर मात्र 155 स्थाई  व 382 अस्थाई सहित कुल मात्र 537 रह गई, जबकि इस दौरान शहर की जनसंख्या में वृद्धि हुई।