आज समाज डिजिटल, पानीपत :

  • गोशाला में शंकराचार्य स्‍वागत समिति बनी, पानीपत में धर्मसभा करेंगे शंकराचार्य निश्‍चलानंद

जगदगुरु शंकराचार्य स्‍वामी निश्‍चलानंद सरस्‍वती महाराज 29 सितंबर, गुरुवार की शाम पांच बजे शाम बाग में धर्मसभा करेंगे। उनके आगमन को लेकर तैयारियों पर चर्चा के लिए जीटी रोड पर स्थित गोशाला के कम्‍युनिटी हाल में धार्मिक व सामाजिक संगठनों की बैठक हुई। बैठक में जहां संगठन के प्रतिनिधियों ने अलग-अलग सुझाव रखे, वहीं शंकराचार्य के स्‍वागत के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्‍प लिया।

बैठक की शुरुआत श्री हनुमान चालिसा के साथ हुई। इसके पश्‍चात वृंदावन ट्रस्‍ट के संयोजक विकास गोयल ने कहा कि यह पानीपत के लिए परम हर्ष एवं गौरव का विषय है कि शंकराचार्य स्‍वामी यहां पहुंच रहे हैं। 19 साल बाद उनका पानीपत आगमन हो रहा है। आदि शंकराचार्य ने भारतीय संस्‍कृति का न केवल संरक्षण किया बल्कि आने वाली पीढि़यों को जागरूक किया। अब तक 146 शंकराचार्य हुए हैं। अब हमारा कर्तव्‍य है कि सनातन संस्‍कृति के संवाहक का भव्‍य स्‍वागत करें। उनके दिखाए मार्ग पर भी चलें। पाइट शिक्षण ग्रुप से सुरेश तायल ने कहा कि सभी धार्मिक व सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि जन-जन तक पहुंचें। शंकराचार्य स्‍वागत समिति के सदस्‍य सभी आरडब्‍ल्‍यूए से लेकर मंदिरों के प्रतिनिधियों को जागरूक करें। शंकराचार्य स्‍वामी के दर्शन का सौभाग्‍य दोबारा बरसों बाद ही संभव होता है। अपने ही शहर में यह अवसर मिल रहा है तो उनकी धर्मसभा में पहुंचकर उनके वचनों को सुनें। सर्वसंगठन सेवा संस्‍थान से सुरेश काबरा ने कहा कि धर्मसभा में जीने की राह मिलेगी। हमें हमारी गौरवशाली सनातन संस्‍कृति के बारे में और भी जानकारी होगी। हम अपनी पीढि़यों के मार्गदर्शक बन सकेंगे। गंगाधाम मंदिर से पंडित निरंजन पाराशर ने कहा कि सभी मंदिरों से पुजारी 29 सितंबर को शंकराचार्य के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। तैयारी के संबंध में एक और बैठक की जाएगी।

ये भी रहे मौजूद

गोशाला सोसाइटी से रामनिवास गुप्‍ता, समाजसेवा संगठन से प्रवीण जैन, गणेश मंदिर सेवा समिति से गुलशन धमीजा, श्री जगन्‍नाथ मंदिर से सन्‍नी गुप्‍ता व दिनेश मित्‍तल, बाबा बालकनाथ मंदिर से जगन्‍नाथ, जनसेवा दल से चमन गुलाटी, जनसेवा से कृष्‍ण, रामलाल, हनुमान मंदिर से देवेंद्र अरोड़ा, सतीश, राधेश्‍याम गुप्‍ता, विवेक कत्‍याल, डॉ. बीबी शर्मा, राजेंद्र गुप्‍ता, रमेश कपूर, प्रेम जैन, भारत शर्मा, रामप्रकाश शुक्‍ला, हरीश चुघ, रमेश सिंगला, रमेश कपूर, वेणु गोपाल, जवाहरलाल डुडेजा मौजूद रहे।

कैलाशी समिति की विशेष तैयारी

देवी मंदिर में प्राचीन शिवलिंग पर रोजाना भव्‍य सजावट करने वाले कैलाशी सेवा समिति के सदस्‍य भी बैठक में पहुंचे। शंकराचार्य पानीपत पहुंच रहे हैं, यह सुनकर ही प्रत्‍येक जिम्‍मेदारी लेने के लिए प्रतिनिधि तैयार हो गए। इस समिति ने तय किया है कि वे विशेष रूप से कुछ नया करेंगे।

शहर में चलेगी प्रचार वैन

शहरभर में प्रचार वैन चलेगी। शंकराचार्य का परिचय देते हुए आम नागरिकों तक संदेश पहुंचाया जाएगा। जन-जन की भागीदारी सु‍निश्चित करने का प्रयास होगा। इसके साथ ही जो लोग इस कार्यक्रम में सहयोग करना चाहते हैं, उन्‍हें भी शंकराचार्य स्‍वागत समिति में शामिल किया जा सकता है।

आदि शंकराचार्य की खड़ाऊ भी होंगी

विकास गोयल ने बताया कि आदि शंकराचार्य ने संपूर्ण भारत को एक करने के लिए चार पीठों की स्‍थापना की थी। उनकी बदौलत ही सनातन संस्‍कृति अब तक अखंड है। पानीपत में पुरी के शंकराचार्य के साथ आदि शंकराचार्य की खड़ाऊ भी होंगे। हम लोग इन खड़ाऊ के दर्शन कर सकते हैं। ये वही खड़ाऊ हैं, जिन्‍हें पहनकर आदि शंकराचार्य ने संपूर्ण भारत का भ्रमण किया था।

जगन्‍नाथ मंदिर का सुझाव

पानीपत में जगन्‍नाथ मंदिर भी है। हर साल यहां से पुरी की तर्ज पर शोभायात्रा निकलती है। जगन्‍नाथ मंदिर के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि जब पुरी से स्‍वयं शंकराचार्य आ रहे हैं तो उनके चरण पानीपत के जगन्‍नाथ मंदिर में पड़ें, इसके लिए प्रयास करने चाहिए। शंकराचार्य स्‍वाग‍त समिति के सदस्‍यों ने कहा कि इस बारे में शंकराचार्य स्‍वामी से बात करेंगे। उनके सामने प्रस्‍ताव रखेंगे।

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