चेखव की दुनिया – अब समय आ गया है सर्वहारा वर्ग अपनी आवाज उठाए

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Paniapt News/Chalo Theater Festival organized at Piet College
Paniapt News/Chalo Theater Festival organized at Piet College
  • एक मंच पर तीन कहानियां, दर्शकों को जमकर हंसाया
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत (समालखा)। अब समय आ गया है सर्वहारा वर्ग अपनी आवाज उठाए। एक छींक आने के बाद सदमे में आया  कर्मचारी  इन लाइनों के साथ अपनी व्‍यथा-कथा सुनाते सुनाते दम तोड़ जाता है। दरअसल, अफसर पर उसकी छींक पड़ जाती है। कर्मचारी को लगता है कि अब अफसर उसकी जिंदगी तबाह कर देगा। समाज में यही डर बैठा हुआ है कि आम आदमी की कोई कीमत नहीं है। ये वाकया पाइट कॉलेज में आयोजित चलो थियेटर महोत्‍सव के दौरान चेखव की दुनिया नाटक में प्रस्तुत किया गया। तीन कहानियां एक साथ चलीं। छींक के बाद सर्जरी ने दिखाया कि कैसे हम लोग दूसरों के दुख में अपना सुख देखते हैं। बैंक मैनेजर के ऑफिस में एक महिला अपनी हालत लेकर पहुंची। उसके आर्थिक हालात को हास्यबोध में प्रस्तुत किया गया।

रमन छाबड़ा व हाजी साधना ने रास कला मंच को 11-11 हजार रुपये दिए

महोत्‍सव के छठे दिन का शुभारंभ यंग एंटरप्रेन्योर सोसाइटी के चेयरमैन रमन छाबड़ा, भारतीय किन्‍नर समाज की हरियाणा एवं पंजाब की अध्‍यक्ष एवं समाजसेवी हाजी साधना, रिफाइनरी के मानव संसाधन विभाग से प्रबंधक विवेक शर्मा, रजनी बैनीवाल, असीम ग्रोवर, गौरव गुप्‍ता, पाइट के चेयरमैन हरिओम तायल, बोर्ड सदस्‍य शुभम तायल, डीन डॉ.बीबी शर्मा, रास कला मंच के निदेशक रवि मोहन ने दीप प्रज्‍वलित करके किया। यस के चेयरमैन रमन छाबड़ा ने कहा कि पानीपत में इस तरह के सांस्‍कृतिक कार्यक्रम होते रहने चाहिए। युवा पीढ़ी को थियेटर से रूबरू कराया जाना चाहिए। हाजी साधना ने कहा कि नाटक कला में संवेदनाएं प्रस्तुत होती है। मंच पर नाटक करना आसान नहीं है, क्‍योंकि इसमें रिटेक नहीं होते। रमन छाबड़ा व हाजी साधना ने रास कला मंच को 11-11 हजार रुपये दिए। इस अवसर पर रजत ग्रोवर, राजेश गुप्‍ता, मनीष गर्ग, विभू पालीवाल, संजीव गोयल, मोहित ढींगड़ा, गौरव गुप्‍ता, सुरेंद्र शर्मा, अमित गुप्‍ता मौजूद रहे।

कथानक – चेखव की कहानियों पर हास्‍य ट्रेजेडी, हंसाते हुए संदेश

रास कला मंच के निदेशक रवि मोहन ने बताया कि चेखव की कहानियों पर हास्‍य ट्रेजेडी दिखाई गई। छींक में एक पात्र के दिमाग में यह घर कर जाता है कि उसकी कोई सुनवाई होगी। अधिकारी उसका जीना मुश्किल कर देंगे। आखिरकार वह दम तोड़ जाता है। सर्जरी में दंत चिकित्सक न होते हुए भी कंपाउडर दांत निकालने का प्रयास करता है। वह मरीज को असहनीय दर्द देता है। बैंक मैनेजर के ऑफि‍स में एक महिला आती है। उसकी शिकायत है कि उसके पति को वेतन से कम रुपये दिए गए हैं। दर्शकों को हंसाते-हंसाते यह नाटक बताता है कि सामाजिक व आर्थिक रूप से आम लोग कितने मजबूर हो चुके हैं। महिला के कंधों पर समाज चलाने का बोझ तो है लेकिन उसका सम्मान नहीं है। ऋषि कांत, अतुल, स्‍वास्तिका शर्मा, विभोर जैन, प्रियंका रंजन, पुनीत शुक्‍ला, अनुराग, शिवांग चौबे ने भूमिका निभाई।

आज अंधायुग

सोमवार को अंधायुग नाटक की शाम छह बजे प्रस्‍तुति होगी। इसे डॉ.धर्मवीर भारती ने लिखा है। थियेटर एवं बॉलीवुड के मशहूर अदाकार मुकेश तिवारी मुख्य अतिथि होंगे। यह नाटक महाभारत पर आधारित होगा।