Pandit Nehru’s miraculous personality showed great impact: पंडित नेहरू के चमत्कारिक व्यक्तिव ने दिखाया कमाल

0
542

अंबाला। पहली लोकसभा के लिए हुए चुनाव में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था। चुनाव आयोग के लिए यह बड़ी चुनौती थी, पर पांच साल बाद यानि 1957 में दूसरे लोकसभा चुनाव के वक्त चुनाव आयोग के साथ साथ तमाम राजनीतिक दलों ने भी भरपूर तैयारी की थी। अच्छी बात यह थी कि इस चुनाव तक तमाम क्षेत्रिय दलों ने भी जन्म ले लिया था, जो केंद्र तक को चुनौती देने को तैयार बैठी थी। पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का चमत्कारिक व्यक्तिव सभी पर भारी पड़ गया।
-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1957 में आयोजित हुए दूसरे लोकसभा चुनावों में भी सफलता की कहानी दोहराई। कांग्रेस के 490 उम्मीदवारों में से 371 ने जीत का इतिहास रच दिया। पार्टी ने कुल 5,75,79,589 मतों की जीत के साथ 47.78 प्रतिशत बहुमत सुरक्षित रखा।
-अच्छे बहुमत के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू सत्ता में वापस लौटे। 11 मई, 1957 को एम. अनंथसायनम आयंगर को सर्वसम्मति से नई लोकसभा का नया अध्यक्ष चुना गया। उनका नाम प्रधानमंत्री नेहरू और सत्यनारायण सिन्हा द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
-कांग्रेस के सदस्य फिरोज गांधी का उदय भी इन चुनावों में देखा गया। फिरोज गांधी ने पंडित नेहरू की बेटी इंदिरा से शादी की थी। उन्होंने अनारक्षित सीट जीतने के लिए उत्तरप्रदेश के रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नंदकिशोर को 29,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया।
– 1957 में निर्दलीयों को मतदान का 19 प्रतिशत प्राप्त हुआ। दूसरी लोकसभा ने 31 मार्च 1962 तक का अपना कार्यकाल पूरा किया।
-यह दौर था जब महिलाएं घुंघट के बिना घर से नहीं निकलती थीं। इसके बावजूद कुल 45 महिला प्रत्याशियों ने चुनाव में भाग लिया था। इनमें से 22 ने जीता चुनाव।
दूसरे लोकसभा चुनाव में 45 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं जिनमें से 22 ने जीत दर्ज की।
-1956 में भाषायी आधार पर हुए राज्यों के पुनर्गठन के बाद लोकसभा का यह आम चुनाव पहला चुनाव था। तमाम आशंकाओं के विपरीत 1952 के मुकाबले इस चुनाव में कांग्रेस की सीटें और वोट दोनों बढ़े।