JAIPUR NEWS : ज्योतिष शास्त्र एवं संस्कृत भाषा को आगे बढाने मे जुटे हुए है पं गौरीशंकर शर्मा

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JAIPUR NEWS : (AAJ SAMAAJ) संदीप पराशर। संस्कृत भाषा सभी भाषाओ की जननी है ज्योतिष शास्त्र के आधार पर ही मानव जीवन मे होने वाली सभी घटनाओ का समायोजन होता है । हम ज्योतिष शास्त्र एवं संस्कृत को आगे बढाने मे अहम भूमिका निभाने वाले राजस्थान के पावटा तहसील के भांकरी निवासी पं गौरीशंकर शर्मा की बात करते है। पं शर्मा ज्योतिष शास्त्र के प्रकाण्ड विद्वान है ये अपने गांव भांकरी ज्योतिष शास्त्र के द्वारा लोगो की हस्तरेखा देखकर उनके जीवन मे आने वाली समस्याओ के बारे बताते है। एवं  उन समस्याओं के निवारण हेतु भगवान की पूजा पाठ बताते है।
पं शर्मा ने ज्योतिष विद्या पर विशेष शोध करते हुए इस विद्या को नई ऊंचाईयां दी है पं शर्मा के पास हर शनिवार एवं रविवार लोग अपने जीवन मे चल रही  समस्याओ के बारे मे जानने एवं उनका निराकरण का उपाय के लिए आते है। पं शर्मा हस्तरेखा देखकर उनका निराकरण हेतु भगवान का पूजा पाठ बताते है।
 पं शर्मा प्रत्येक व्यक्ति के दोनो हथेलियो पर सरसो के तेल लगाकर सफेद कागज हाथ छपवाकर व्यक्ति के वर्तमान भूतकाल की घटना बताने के साथ ही भविष्यवाणी करते है। पं शर्मा ने बताया कि इस तरह कागज पर तेल से हाथ छपवाकर देखना उनका एक स्वयं को शोध है। यदि अन्य कोई व्यक्ति इस तरह से हाथ छपवाकर हस्तरेखा देख रहा है तो वह पं गौरीशंकर शर्मा की नकल होगी । पं शर्मा ने एक्सरे के आधार पर कागज पर हाथ छपाने की इस तकनीक को की शुरुआत की  जिस तरह एक्सरे मे किस स्थान पर  हड्डी टूटी हुई वह पहचान हो जाती है उसी तरह कागज तेल से हाथ छपवाकर देखने से व्यक्ति की छोटी से छोटी रेखा स्पष्ट दिखाई देती है। जिससे व्यक्ति जीवन चल रही सभी समस्याओ का आंकलन कर उनका निराकरण बताते है। इसके अलावा  पं शर्मा व्यक्ति की अंगुलियो के पीछे की रेखाओ को जोडकर एवं गुणनफल निकालकर उनका फलादेश बताते है।
पं शर्मा के आवास अपनी समस्याओ के बारे  जानने एवं उनका निवारण हेतु  लोगो की भीड लगी रहती है। पं शर्मा लोगो की निःशुल्क हस्तरेखा देखकर उनका मार्गदर्शन करते है। पं शर्मा के आवास पर देश के सभी राज्यो से लोग आते है इसके अलावा इनके यहाँ राजनेता विधायक सांसद मंत्री एवं प्रबुद्धजनो का आना लगा रहता है।  पं शर्मा ने कहा कि ज्योतिष विद्या को हमे जीवत रखना चाहिए  मानव जीवन मे नवग्रह का बहुत बड़ा महत्व इन ग्रहो की दशा के अनुसार ही मानव जीवन मे उतार चढाव देखे जाते है।
पं शर्मा ने कहा कि ज्योतिष विद्या ऋषि मुनियो एवं विद्वानो की विद्या है इसे आगे बढ़ाना जरूर है अन्यथा ये विद्या विलुप्त हो जाएगी क्योंकि विज्ञान से कई गुणा आगे ज्योतिष शास्त्र है विज्ञान तो सूर्यग्रहण एवं चन्द्र ग्रहण के बारे आज बताता है।  हमारे ज्योतिष शास्त्र की गणना से पंचाग हमें सौ वर्ष पहले और सौ वर्ष बाद के सूर्यग्रहण चन्द्र ग्रहण  का समय एवं दिन बता देते है। पं शर्मा का एक ही लक्ष्य है कि ज्योतिष शास्त्र एवं संस्कृत भाषा का देश विदेश तक प्रचार प्रसार हो एवं लोगो की भगवान के प्रति आस्था बढ़े । इनके पास आने लोगो को ये नशामुक्ति के लिए प्रेरित करते है। एवं हमेशा शाकाहारी रहने के लिए कहते है।  इसके अलावा पं शर्मा लोगो को  गौमाता की पूजा करने एवं रक्षा करने का संकल्प दिलाते है एवं पशु पक्षियो की रक्षा करने के साथ साथ अधिक से अधिक पेड लगाने हेतु लोगो को प्रेरित करते है। पं शर्मा ने कहा कि मनुष्य अपनी पीडा बोलकर व्यक्त कर सकता है परन्तु ये बेजुबान पशु पक्षी अपनी पीडा बोलकर व्यक्त नही कर सकते इनकी रक्षा करना ही हमारा परम कर्तव्य है।