संजीव कौशिक, रोहतक:
Pandit Bhagwat Dayal Sharma University of Health Sciences: पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के ईएनटी विभाग द्वारा सुश्रुता ओडिटोरियम में आयोजित एक दिवसीय वेट टेंपोरल बोन डायसेक्शन वर्कशाप का आयोजन किया गया। वर्कशाप का शुभारंभ मुख्यअतिथि के तौर पर उपस्थित कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना व निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब ने दीप प्रज्जवलित करके किया।
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कांफ्रेंस मे ईएनटी जगत की जानी मानी हस्तियां आई (Pandit Bhagwat Dayal Sharma University of Health Sciences)
इस अवसर पर चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि वें इस कांफ्रेंस के लिए विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य भार्गव व उनकी टीम को बधाई देती हैं। उन्होंने कहा कि आज की इस कांफ्रेंस मे ईएनटी जगत की जानी मानी हस्तियां आई हैं। डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि चिकित्सका जगत में नित नई तकनीकें आ रही हैं, ऐसे में छात्रों को नवीनतम तकनीकों से अपडेट रहना बहुत जरूरी है। डॉ. सक्सेना ने कहा कि हमें समय-समय पर इस प्रकार की कांफ्रेंस का आयोजन करते रहना चाहिए ताकि चिकित्सकों को अपडेट रखा जा सके। निदेशक डॉ. एस.एस. लोहचब ने कहा कि विश्वविद्यालय डॉ. अनिता सक्सेना के नेतृत्व में बहुत अच्छा कार्य रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ. भार्गव ने कांफ्रेंस के लिए जिस विषय का चयन किया है वह बहुत ही सराहनीय है। डॉ. लोहचब ने कहा कि आज इस कांफ्रेंस में आए प्रतिभागी काफी खुशनसीब हैं कि उन्हें पूरे देश में महारत हासिल कर चुके ईएनटी विशेषज्ञों से सिखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि छात्र स्वयं आप्रेशन करके देखता है तो उससे उसका कौशल विकास होता है।
कांफ्रेंस में करीब 100 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं (Pandit Bhagwat Dayal Sharma University of Health Sciences: )
विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य भार्गव ने कहा कि उनके विभाग का हमेशा प्रयास रहता है कि इस प्रकार की साल में कम से कम एक बार इस प्रकार की कांफ्रेंस आयोजित करते रहें ताकि पीजी चिकित्सकों को नवीनतम तकनीक से अपडेट रखा जा सके। उन्होंने कहा कि इस वर्ष टैंमपोरल बोन पर जो छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया है वह ताउम्र उनके लिए फायदेमंद साबित होगा और वें इस तकनीक में पूरी तरह से निपुण हो सकेंगे, जिसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा। डॉ. आदित्य भार्गव ने बताया कि इस कांफ्रेंस में करीब 100 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। डॉ. आदित्य भार्गव ने बताया कि कांफ्रेंस में विशेष रूप से व्याख्यान देने के लिए मौलाना आजाद मेडिकल कालेज नई दिल्ली से डॉ. जे.सी. पाशी, डॉ. ईश्वर, डॉ. रवि मेहर विशेष रूप से उपस्थित हुए हैं।
पीजी छात्रों को 15 कान की हड्डियों के माध्यम से कान की सर्जरी करना सिखाया जा रहा है (Pandit Bhagwat Dayal Sharma University of Health Sciences)
डॉ. जगत सिंह ने बताया कि कांफ्रेंस का विषय टैंमपोरल बोन डाइसैक्शन वर्कशाप रखा गया है। उन्होंने कहा कि कांफ्रेंस में व्याख्यान देने के लिए विशेष रूप से ईएनटी के क्षेत्र में महारत हासिल कर चुके विशेषज्ञों को बुलाया गया है। डॉ. चांदनी शर्मा ने बताया कि पीजी छात्रों को 15 कान की हड्डियों के माध्यम से कान की सर्जरी लाइव करवाके कोलिसटिएटोमा और कोकलियर इंप्लांट करना सिखाया जा रहा है। डॉ. चांदनी ने बताया कि बचपन से बहरे बच्चों में व बुजूर्गों में जहां हीयरिंग इंप्लांट प्रयोग नही होते, उनको कोकलियर तकनीक से सुनने की क्षमता प्रदान की जा सकती है। उन्होंने बताया कि छात्रों को नेसल एंडोस्कोपी के बारे में भी सिखाया गया, जिसमें मरीज को बहुत कम समय अस्पताल में रूकना होता है और इसके इलाज के अच्छे परिणाम आते हैं।
इस अवसर पर सैकड़ों चिकित्सक उपस्थित थे (Pandit Bhagwat Dayal Sharma University of Health Sciences)
इस अवसर पर निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब, डीन एकेडमिक अफेयर डॉ. अशोक चौहान, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ईश्वर सिंह, डॉ. जगत सिंह, डॉ. रमन वडेरा, डॉ. विजय कालरा, डॉ. निखिल अरोड़ा, डॉ. वरूण रॉय, डॉ. सुनील, डॉ. चांदनी शर्मा, डॉ. निखिल अरोड़ा, भूपेंद्र सिंह, हिमांशु, पीए शीला, सूमन रांगी आदि सैकड़ों चिकित्सक उपस्थित थे।
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