40 स्कूली बच्चे सहित 50 घायल, 1 महिला पीजीआई रेफर, 1 आईसीयू में, ड्राइवर-कंडक्टर सस्पेंड
पंचकूला (मंजीत सहदेव): हरियाणा के पंचकूला जिले के पिंजौर के पास सोमवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। यहां हरियाणा रोडवेज की एक बस अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। बस गांव डखरोग से पिंजौर, कालका के लिए निकली थी। हादसे के वक्त में बस में अन्य सवारियों के साथ स्कूल जाने वाले बच्चे बड़ी संख्या में सवार थे। जो कि इस हादसे में घायल हो गए। वहीं अन्य सवारियों को भी चोटें आईं हैं। लेकिन हादसे में ज़्यादातर स्कूली बच्चे घायल हुए हैं। जिनकी संख्या 50 के करीब बताई जा रही है। वहीं तीन से चार घायलों में व्यस्क शामिल हैं। हादसे के बाद बस के ड्राइवर और कंडक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है।
वहीं दूसरी तरफ सभी घायलों को इलाज के लिए पिंजौर और पंचकूला के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि एक 60 वर्षीय महिला मरीज को इलाज के लिए चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया गया है। महिला को बाजू में गंभीर चोट है। इसके अलावा एक अन्य मरीज की भी हालत गंभीर है, जिसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि, इस मरीज के लीवर में गम्भीर चोट आई है। जिसमें अंदरूनी ब्लीडिंग हो रही है।
बहराल गनीमत यह है कि, इस हादसे में किसी की जान नहीं गई। सभी घायल बच्चों की हालत खतरे से बाहर है और वह स्थिर हैं। उनका इलाज चल रहा है। पंचकूला के विधायक और विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, कालका विधायक प्रदीप चौधरी और जिला उपायुक्त (डीसी ) डॉ. यश गर्ग के अलावा जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) सतपाल कौशिक समेत अन्य आलाधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर घायलों को हालचाल जाना है और सभी घायल बच्चों और अन्य घायलों के इलाज से संबन्धित अहम निर्देश दिए गए हैं।
डीसी ने कहा- हादसे की जांच की जा रही
बस हादसे को लेकर अस्पताल में घायलों का हालचाल जानने पहुंचे पंचकूला डीसी डॉ. यश गर्ग ने कहा कि, बस में काफी मात्रा में सवारियां सवार थीं, जिसमें से कई स्कूली बच्चे थे। यह बस एक मोड़ पर आकर पलटी। बस पलटने के क्या कारण हैं उसकी जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। फिलहाल हमारा मुख्य उद्देश्य राहत बचाव है और राहत की खबर यह है कि सभी बच्चे सामान्य हैं। किसी बच्चे को गंभीर चोटें नहीं आई हैं।
डीसी ने कहा कि कई बच्चों का इलाज पंचकूला के सिविल अस्पताल में चल रहा है तो वहीं पिंजौर में कई बच्चे इलाजरत हैं। 4 व्यस्क घायल पंचकूला लाए गए हैं, जिसमें से एक 60 वर्षीय महिला हैं। उनकी बाजू में गंभीर चोट है। घायल महिला को इलाज के लिए चंडीगढ़ रेफर किया गया है। इसी तरह एक मरीज को आई सी यू में शिफ्ट किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जितने भी अन्य लोग घायल हैं वो सामान्य हैं।
ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा- ओवरलोड और स्पीड में थी बस
घायलों का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे पंचकूला के विधायक और विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि, सबसे पहला काम घायलों को समुचित इलाज उपलब्ध करवाना है। सभी घायलों के इलाज को पहले प्राथमिकता दी जा रही है। यह एक बड़ा हादसा है। गुप्ता ने कहा कि, बस पिंजौर ब्लॉक के गांव डखरोग से कालका की ओर आ रही थी। इसी बीच एक मोड़ पर पलट गई। हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बस के ड्राइवर और कंडक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। गुप्ता ने कहा कि, हादसे के वक्त बस ओवरलोड और स्पीड में चल रही थी। जिसके चलते यह हादसा हुआ।
स्कूली बच्चे ने कहा- बस में 70-80 बच्चे सवार थे
हादसे के दौरान बस में सवार रहे और बाल-बाल बचे एक स्कूली बच्चे ने बताया कि, बस सुबह साढ़े 6 बजे के करीब उसके गांव से निकली थी। बच्चे के मुताबिक, बस में 70 से 80 केवल स्कूली बच्चे ही सवार थे। बस बहुत ज्यादा ओवेरलोड थी। बच्चे का कहना था कि, बस चल ही रही थी कि एक मोड़ आने पर जब ड्राइवर ने अचानक कट लिया तो बस सड़क से नीचे उतरकर पलट गई और एक पेड़ से जाकर रुक गई। बच्चे का कहना है कि, बस में अन्य स्कूली बच्चों के साथ आईटीआई के भी दर्जनों बच्चे थे जो सुबह ही आईटीआई के लिए निकले थे। बच्चे के मुताबिक, रोज एक ही बस में उस रूट पर चलती है। जिसमें सवार होकर आना होता है।
गांव डखरोग से कालका अब दो बसें चलेंगी
ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि गांव डखरोग से स्कूली बच्चों और अन्य लोगों को लाने के लिए डखरोग से पिंजौर, कालका तक अभी एक बस चल रही थी। लेकिन अब निर्देश दे दिया गया है कि, इस रूट पर हरियाणा रोडवेज की दो बसें चलाईं जाएँ ताकि सवारियों को दिक्कत न हो और बस में ओवरलोड जैसी स्थिति न बने।
खस्ताहाल सड़कों पर चल रही बसें, हादसे के बाद भी न अधिकारी और न ही नेताओं ने सड़क को देख
जिस सड़क पर बस चल रही थी ।उस सड़क को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इस सड़क पर पैदल चलना भी बहुत मुश्किल है ,और ऐसे में ऐसी सड़कों पर सवारियों से लदी हुई बस यदि चलती है तो उसकी क्या स्थिति हो सकती है । इस घटना को लेकर राजनीतिक नेताओं और शहर के बड़े अधिकारियों ने अस्पताल इत्यादी का दौरा तो किया है ,लेकिन किसी ने भी इस सड़क को देखने की ज़हमत नहीं उठायी है ।इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि राजनीतिक नेता और अधिकारी इस घटना को लेकर कितने गंभीर हैं। यदि एक्सपर्ट की मानी जाए तो ऐसी सड़कों पर कभी भी हादसा हो सकते हैं। सड़क बुरी तरह से टूटी हुई है और उस पर मरम्मत भी नहीं की गई है ।बरसात के मौसम में इस सड़क की स्थिति और भी ख़राब दिखाई दे रही है। इस घटना के बाद जहाँ प्रशासन ने ड्राइवर और कंडक्टर को सस्पेंड कर अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है । वहीं देखने वाली बात है कि सड़क निर्माण करने वाले अधिकारियों पर किस तरह की कार्रवाई और कब कार्रवाई होती है।