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Panchamrit : नवरात्रि नौ दिनों तक चलने वाला व्रत, पूजा एवं मेलों का उत्सव है, सभी नौ दिन माँ आदिशक्ति के भिन्न-भिन्न रूपों को समर्पित हैं। देवी का प्रत्येक रूप, एक नवग्रह (सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुद्ध, गुरु, , शुक्र, शनि, राहू व केतु) की स्वामिनी तथा उनसे जुड़ी बाधाओं को दूर व उन्हें प्रवल करने हेतु भी पूजा जाता है। नवरात्रि वर्ष में दो चैत्र नवरात्रि तथा शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
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Panchamrit : नवरात्रि को नवदुर्गा अथवा नौदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। भोग प्रसाद बनाने के लिए शुद्धता का ध्यान बहुत ही आवश्यक है। बर्तन एवं किचन की सफाई का भी विशेष ध्यान रखें।
पंचामृत बनाने की आवश्यक सामग्री:
1) गाय का दूध
2) गाय का दही
3) गाय का घी
4) शहद
5) मिश्री अथवा शक्कर
तुलसी के पत्ते, चाँदी के कटोरी
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बनाने की विधि: Panchamrit
एक चम्मच शहद, एक चम्मच मिश्री, एक चम्मच गाय का घर का बना दही और इसे आपस मे मिलाते है। उसके बाद गाय घी तथा गाय का चार चम्मच कच्चा दूध मिला लेते हैं। इस तरह आपका पंचामृत उपयोग के लिए तैयार हो जाता है।
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यह मात्रा एक व्यक्ति के हिसाब से बताई गई है। सबसे बाद मे हम तुलसी के पत्ते धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी अनुकूलता के अनुसार डालते है। तुलसी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने मे बहुत ही सहायक है।
पंचामृत से भगवान के स्नान का मंत्र:
पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं। पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम ॥
Navratri Fasting 2022
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