PALWAL NEWS : विभाग ने इस वर्ष फिर तीन लाख पौधे लगाने का रखा लक्ष्य

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PALWAL NEWS (AAJ SAMAJ) :भगत सिंह तेवतिया । वन विभाग द्वारा चलाया जाने वाला पौधारोपण अभियान अपने लक्ष्य से भटकता दिखाई दे रहा है। विभाग द्वारा यूं तो प्रति वर्ष लाखों पौधे वितरित कर पौधारोपण अभियान चलाया जाता है। लेकिन इस पौधा रोपण अभियान में कितने पौधे सुरक्षित रह पाते हैं यह जानने की विभाग  कोई आवश्यकता नहीं समझता। केवल विभाग की निगरानी में लगाए गए पौधों का रिकॉर्ड ही विभाग के पास उपलब्ध होता है जो केवल हजारों में है। वन विभाग  पलवल द्वारा सोमवार को पौधरोपण अभियान की शुरूआत की गई। रेंज अधिकारी अमरदीप सिंह ने बताया कि पौधारोपण अभियान के तहत पलवल जिले में सवा 3 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। वन विभाग द्वारा चलाई गई विभिन्न स्कीमों के तहत पौधारोपण किया जाएगा। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए हर व्यक्ति को पौधा लगाना चाहिए और पौधे की वृक्ष बनने तक उसकी देखभाल भी करनी चाहिए।रेंज अधिकारी अमरदीप सिंह ने बताया कि वन विभाग पलवल द्वारा एक जुलाई से पौधारोपण अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि पलवल जिले में बनाई गई नर्सरियों में 5 लाख पौधे तैयार किए गए है। वन विभाग द्वारा पौधागिरी अभियान के तहत कक्षा 6 से लेकर 12 कक्षा तक के बच्चों को 50 हजार पौधे निशुल्क वितरित किए जाएगें। जल शक्ति अभियान के तहत 75 हजार पौधे ग्राम पंचायतों में सरपंच,मेंबर और पार्षदों को प्रदान किए जाएगें। आम नागरिकों को करीब 60 हजार पौधे दिए जाएगें। शहरी क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट को बढ़ाने के लिए 1500 पौधे लगाए जाएगें। नर्सरी में 40 प्रकार के पौधे जिनमें शीशम,कीकर,फ्रांस,अशोक,देसी पापड़ी,केसरिया लाका,जामुन,बादाम पापड़ी,गुलाब,अनार,आंवला,बांस,चांदनी,पिलखन,तुलसी,गुलमोहर,सफेदा,कचनार,नींबू,कनक चम्पा, बेलपत्र, सांगवान, बोगन बेल, नीम, गुड़हल, कनेर, मौलश्री, पीपल, बड़, अर्जुन, अमरूद,केसिया सामिया शामिल है।अमरदीप सिंह ने बताया कि मीयावाकी वृक्षारोपण जापानी तकनीक के जरिये वन विभाग द्वारा अर्बन एरिया में एक हेक्टेयर यानी ढाई एकड़ भूमि में 10 हजार पौधे लगाए जाएगें। उन्होंने बताया कि मीयावाकी तकनीक एक ऐसी तकनीक है,जिसमें कम जगह में अधिक पौधे लगाए जाते है। इस विधि से बहुत कम समय में जंगलों को घने जंगलों में परिवर्तित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर पौधों के बीच में 3 से 4 मीटर का स्पेश रखा जाता है लेकिन मीयावाकी तकनीक में पौधे से पौधे की दूरी एक मीटर रखी जाती है। बड़े पौधों के नीचे छोटे पौधे लगाए जाते है। मियावाकी वृक्षारोपण पद्धति हरित आवरण को पुनर्प्राप्त करने में काफी मददगार साबित हुई है। उन्होंने बताया कि होडल में मीयावाकी वृक्षारोपण के लिए साइट का चयन किया गया है। जहां पर प्लांटेशन का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके पश्चात पलवल,हथीन में पौधे लगाए जाएगें। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा गत वर्ष लगाए गए पौधों में तकरीबन 90 प्रतिशत पौधे पनप रहे है।डिप्टी रेंज अधिकारी भारत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से एक पौधा मां के नाम लगाने का आह्वान किया है। इसलिए प्रत्येक नागरिक को पौधा लगाने के लिए आगे आना चाहिए। पौधा लगाने के साथ उसकी देखभाल भी करें। वही जब विभाग के डिप्टी रेंज अधिकारी भारत ने बताया कि पिछले वर्ष यूं तो लाखों पौधे वितरित किए गये थे। लेकिन विभाग द्वारा 40 हजार पौधे लगाए गए थे जिसमें से करीब 33 हजार पौधे सुरक्षित है। अन्य विभागों द्वारा लगाए गए पौधों का रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं है।
फोटो परिचय : पौधा भेंट कर पौधारोपण को प्रोत्साहित करते हुए। आज समाज