PALWAL NEWS : उन्नत तकनीक से फसल करने पर मिलती है ज्यादा पैदावार

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PALWAL NEWS (AAJ SAMAJ): भगतसिंह तेवितया।  खरीफ मौसम की प्रदेश की मुख्य फसल धान की रोपाई का उचित समय चल रहा है। हरियाणा में लगभग 32 लाख एकड़ में तथा पलवल जिले में 65000 एकड़ में धान की फसल रोपाई किए जाने का अनुमान है। किसान धान की उन्नत किस्मों की स्वस्थ पौध की वैज्ञानिक तकनीक से रोपाई करके कम लागत में अधिक उत्पादन ले सकते हैं। कृषि विशेषज्ञ डॉ. महावीर सिंह मलिक गांव फुलवारी में किसान कल्याण मंच द्वारा धान फसल पर आयोजित संगोष्ठी में किसानों जानकारी दे रहे थे। गोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व सरपंच सुंदर सिंह ने की तथा संचालन रविंद्र पोसवाल ने किया। डॉ. मलिक ने बताया कि अच्छी पैदावार के लिए धान की मध्यम अवधि असुगंधितु किस्मों की रोपाई 7 जुलाई तक तथा बासमती किस्मों जैसे पूसा–1509, 1121, 1692, 1718 व पूसा 1845 आदि किस्मों की रोपाई 15 जुलाई तक करने से ज्यादा उपज व रोग कीट भी कम लगते हैं।सभी किस्मों की 25 से 30 दिन की पौध लगाई जा सकती है। पौधशाला से पौध उखाडऩे से पहले उसमें पानी दे तथा एक-एक पौधे को काफी नीचे से पकड़ कर उखाड़े। पौध की जड़ों को पानी में धोकर कीचड़ हटा दे। उन्होंने कहा कि एक जगह दो से तीन पौधे लगाए तथा रोपाई कतारो में 20म15 सेंटीमीटर के फासले पर 2 से 3 सेंटीमीटर से ज्यादा गहरी न करे। पौध रोपाई से पहले खड़े पानी में जुताई करके सुहाग लगा दे। ढांचा व मूंग से हरी खाद बनाने के लिए खड़े पानी में रोटावेटर चला कर सुहागा लगाना चाहिए। इसके दो-तीन घंटे बाद गारा बिठाने पर ही पौध रोपाई करें।
धान की बोनी मध्यम अवधि व शंकर किस्मों जैसे पी.आर.106, 114,एच.के.आर.126,127, 128 आदि में 130 किलो यूरिया,150 किलो सुपर फास्फेट, 45 किलो म्यूरेट पोटाश तथा 10 किलो जिंक सल्फेट प्रति एकड़ प्रयोग करें। 1/3 नाइट्रोजन, पूरा फास्फोरस, पोटाश, जिंक सल्फेट रोपाई के समय खेत में डालें।शेष रही नाइट्रोजन की मात्रा रोपाई के 21 व 42 दिन बाद खेत में डाल दें। बोनी बासमती धान में रोपाई के समय 25 किलो यूरिया, 75 किलो सिंगल सुपर फास्फेट व 10 किलो जिंक प्रति एकड़ दे तथा 3 व 6 हफ्ते बाद 27–27 किलो यूरिया दो बार देना चाहिए। यदि खेत में ढांचा हरी खाद का प्रयोग किया है तो नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश की दो तिहाई मात्र ही पर्याप्त रहती है। डॉ.मलिक ने खेत पर रोपाई करने वाले महिलाओं व पुरुष किसानों को धान की पौध नर्सरी से उखाडऩे व लगाने की तकनीक भी समझाई।गोष्ठी में राजकली, फूलवती, सुक्को, संतोष, मीना,सीमा, प्रवीण, धर्मेंद्र, मनोज, रवि, जीतेंद्र आदि किसान मौजूद थे।

फोटो परिचय : पलवल में फसल को लेकर जानकारी देते हुए। आज समाज