रामदेव से आग्रह- मोहन भागवत के सुझाव वे पुनः विचार अवश्य करें,
हजारों साल पुराने इतिहास को बदला नहीं जा सकता-शांता कुमार
Palampur News : आज समाज-पालमपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि मैं स्वामी रामदेव (swami ramdev) का बहुत अधिक सम्मान करता हूं। उन्होंने योग को घर-घर तक पहुंचाया। इतना ही नही महात्मा गांधी के सपने स्वदशी को साकार करके दिखाया और देश के लाखों लोगों को रोजगार भी दिया, लेकिन मैं उनसे प्रार्थना करूंगा कि मोहन भागवत (mohan bhagwat) के सुझाव पर जो कुछ उन्होंने कहा है उस पर वे पुनः विचार अवश्य करें।
हजारों साल पुराने इतिहास को बदला नहीं जा सकता : शान्ता कुमार
उन्होंने कहा कि हजारों साल पुराने इतिहास को बदला नहीं जा सकता। भारत में विदेशी आक्रमणकारी आये। मन्दिरों को तोड़ कर मस्जिदें बनाई। उस समय देश उनका मुकाबला नहीं कर सका। वे लुटेरे-हत्यारे कुछ समय राज करके चले गये। यह बड़ी सच्चाई है कि आज का भारत का मुसलमान उन हिन्दुओं का वशंज है जिन्होंने किसी कारण अपना धर्म बदला। आज का मुसलमान मन्दिर तोड़ कर मस्जिद बनाने वालों का वशंज हैं।
उन्होने कहा कि इस सच्चाई को सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायधीश मुहम्मद करीम छागला (Retired Chief Justice of the Supreme Court Muhammad Karim Chagla) ने स्वीकार करते हुए कहा था – ”मेरी रगों में हिन्दु ऋृषि – मुनियों का खून दौड़ता है। मेरे बुर्जगों ने केवल पूजा करने का तरीका बदला था।“
सैंकड़ों साल तक भारत ने गुलामी के दिन देखें – हजारों मन्दिरों को तोड़ का मस्जिदें बनाई गई
उन्होंने कहा कि सैंकड़ों साल तक भारत ने गुलामी के दिन देखें। हजारों मन्दिरों को तोड़ का मस्जिदें बनाई गई। लम्बा समय बीत गया-अत्याचार करने वाले कुछ समय राज करने के बाद या मर गये या वापिस चले गये। स्वामी रामदेव ने कहा है कि हमें उस अत्याचार का बदला लेना चाहिए, परन्तु वे अत्याचारी तो वर्षो पहले चले गये।
मोहन भागवत ने जो मूल्यवान सुझाव दिया है उस पर सारे भारत को गंभीरता से विचार करना चाहिए
उन्होने कहा मोहन भागवत ने जो मूल्यवान सुझाव दिया है उस पर सारे भारत को गंभीरता से विचार करना चाहिए। सरदार पटेल जी के प्रयत्नों से सोमनाथ मन्दिर का उद्वार हो गया था। अयोध्या में राम मन्दिर भी बन गया। हिन्दु मुसलमान नेताओं को बैठ कर काशी और मथुरा को भी मुकदमें बाजी से अलग होकर हिन्दुओं को सौंप देना चाहिए। यह चार स्थान भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के लिए परम आवश्यक है। इसके बाद पूरे भारत को उस कानून को स्वीकार कर लेना चाहिए, जिसके अनुसार सभी धार्मिक स्थानों की 1947 की स्थिति को बदला नहीं जा सकता।
हिन्दु धर्म के सभी सन्तों और स्वामी रामदेव जी से मेरा निवेदन है कि काशी और मथुरा को प्राप्त करने का प्रयत्न करें
उन्होंने कहा कि हिन्दु धर्म के सभी सन्तों और स्वामी रामदेव जी से मेरा निवेदन है कि काशी और मथुरा को प्राप्त करने का प्रयत्न करें और उसके बाद आदरणीय मोहन भागवत के सुझाव को पूरा स्वीकार करें। यदि ऐसा नहीं किया तो पता नहीं कब तक हम मस्जिदों में मन्दिर ढूंढ़ते रहेंगे और देश की एकता और शान्ति को नष्ट करते रहेंगे।