Palampur New : देहरा विधानसभा के लिए 300 करोड़ स्वीकृत तो केन्द्रीय विश्वविद्यालय के धर्मशाला परिसर के लिए 30 करोड़ क्यूं नहीं-शांता कुमार

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  • देहरा विधानसभा के लिए 300 करोड़ स्वीकृत तो केन्द्रीय विश्वविद्यालय के धर्मशाला परिसर के लिए 30 करोड़ क्यूं नहीं-शांता कुमार
(Palampur News) आज समाज-पालमपुर। देहरा के विधान सभा क्षेत्र में सभी भाई बहिनों को बहुत बहुत बधाई देता हूं। देहरा की नव निर्वाचित विधायिका कमलेश ठाकुर का ब्यान पढ़ कर बहुत खुशी हुई।
उनके देहरा कि विधायिका बनने के बाद के 6 महीनों में देहरा विधान सभा क्षेत्र में 300 करोड़ रू0 की योजनाएं शुरू हो गई है। ये ब्यान पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री  शान्ता कुमार ने जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहे।
उन्होंने कहा कि देहरा में युद्ध स्तर पर होने वाले इस विकास के लिए मैं मुख्यमंत्री महोदय को भी बहुत बधाई देता हूं परन्तु बड़े दुख के साथ उन्हें याद दिलवाना चाहता हूं कि वे देहरा के ही मुख्यमंत्री नहीं है, वे धर्मशाला के भी मुख्यमंत्री है।  जहां केन्द्रीय विश्वविद्यालय का भवन पिछले 12 वर्षो से बनना तो एक तरफ बनाना शुरू भी नही हुआ है।
भवन निर्माण के लिए केन्द्र सरकार का लगभग 400 करोड़ रू0 इसलिए खर्च नहीं हो रहा क्योंकि हिमाचल सरकार अपने हिस्से का 30 करोड़ रू0 नहीं दे रही हे।
केन्द्रीय विश्वविद्यालय के देहरा परिसर के लिए हिमाचल सरकार ने धन दे दिया, वहां काम शुरू हो गया, परिसर पूरा होने वाला है परन्तु उसी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के धर्मशाला परिसर के लिए हिमाचल सरकार ने पैसा नहीं दिया।
उन्होने कहा कांगड़ा जिला के साथ इस से अधिक भयंकर अन्याय और नहीं हो सकता। यदि देहरा को 300 करोड़ रू0 दिये जा सकते है तो केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वर्षो से रूके हुए भवन को शुरू करने के लिए केवल 30 करोड़ रू0 क्यों नहीं दिये जा रहे, ये भी एक चिंताजनक विष्य है।
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री महादेय ने दूरभाष पर मुझे  विशस दिलवाया था कि प्रदश की आर्थिक स्थिति ठीक होते ही वे 30 करोड़ रू दे देंगे।
उन्हांने दो बार ब्यान देकर यह कहा है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति उन्होंने ठीक कर दी है और अब तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति इतनी बढ़ियां हो गई है कि एक विधानसभा क्षेत्र देहरा में ही पिछले 6 महीनों से 300 करोड़ रू की योजनाएं शुरू हो गई और दूसरी ओर धर्मशाला में बनने वाली केंद्रीय विश्वविद्यालय को 30 करोड़ भी नहीं मिले।
उन्होने मुख्यमंत्री महोदय को फिर से याद दिलवाया है कि मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने सत्य निष्ठा और सविंधान की कसम खाई थी परन्तु धर्मशाला के साथ होने वाला अन्याय सत्य निष्ठा और सविंधान की भावना की धज्जियां उठाता है।
उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं धर्मशाला व कांगड़ा के लोग इस भयंकर अन्याय को क्यों और कैसे सह रहे है। उन्होंने मुख्यमंत्री महादेय से एक बार फिर से विशेष आग्रह किया है कि 30 करोड़ रू0 दीजिये और धर्मशाला केन्द्रीय विश्वविद्यालय के 12 वर्षा से रूके हुए काम को शुरू करवाईये।