आज समाज डिजिटल टीम, मुंबई:
अभिनेता दिलीप कुमार के योगदान को देश कभी भुला नहीं पाएगा। करीब साठ साल बालीवुड में कलाकारी दिखाने वाले दिलीप 65 से अधिक फिल्मों में काम किया। इनमें मुगल-ए-आजम से लेकर गंगा-जमुना और क्रांति जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल हैं। उनका अंतिम बार 1998 में किला फिल्म में अभिनय करते नजर आए थे।
दिलीप कुमार के फिल्मी करियर और इससे जुड़ी कई बातों के बारे में जरूर सुना होगा। आज हम बताते हैं कुछ ऐसी बातें, जिसके बारे में आपको अब तक नहीं पता होगा। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ने 2015 में अपनी एक किताब लॉन्च के दौरान दिलीप कुमार के बारे में कई खास बातों का जिक्र किया था। उन्होंने अपनी किताब में दिलीप कुमार से जुड़ी कई बातों को लिखा भी है।
युद्ध रोकने में भी निभाई थी अहम भूमिका
पाकिस्तान के पूर्व विदेशी मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने अपनी किताब के लॉन्च के मौके पर कहा था कि दिलीप कुमार दो बार भारत सरकार के सीक्रेट मशिन पर दो बार पाकिस्तान जा चुके थे। कसूरी ने उस वक्त कहा था, मुझे दिलीप साहब की पत्नी सायरा बानों ने बताया कि वो दो बार पाकिस्तान में सीक्रेट मिशन के लिए जा चुके हैं। उन्हें भारत सरकार ने खास विमान से इस्लामाबाद भेजा था। मुझे लगता है यह दर जिया-उल-हक का दौर का होगा। दूसरा और भी हाल के दिनों में होगा। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में कसूरी के हवाले से यह बात कही गई है।
2015 में कसूरी आए थे भारत
अक्टूबर 2015 में कसूरी जब भारत के दौरे पर आए तो वे मुंबई में दिलीप कुमार से मिलने उनके घर भी गए थे। उन्होंने बताया कि वो जानबूझकर जिन्ना हाउस, मणि भवन के अलावा दिलीप कुमार के घर भी जाने का फैसला किया। कसूरी 2002 से 2007 के दौर में पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे थे।
दावा: 1999 नवाज शरीफ से की थी बात
इसके पहले भी कसूरी ने दावा किया था कि दिलीप कुमार ने 1999 में कारगिल युद्ध को रोकने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बातचीत भी की थी। कसूरी ने कहा था कि यह मामला तब हुआ, जब कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ एक दूसरे से बातचीत कर थे, उसी दौरान नवाज शरीफ के पास दिलीप कुमार का कॉल आया था।
दिलीप कुमार के फोन पर चौंक गए थे शरीर : कसूरी
कसूरी ने अपनी किताब में लिखा कि दिलीप कुमार (युसूफ खान) की आवाज सुनकर नवाज शरीफ चौक गए। उन्होंने कहा था कि मियां साहेब, हमें आपसे इसकी उम्मीद नहीं थी क्योंकि आप हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बनाए रखने के पक्ष में हैं। भारतीय मुसलमान होने के नाते मैं आपको एक बात बता रहा हूं कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव होने से यहां के मुसलमानों में असुरक्षा का भाव आएगा। उन्हें अपने घर से निकलना भी मुश्किल हो जाएगा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आप कुछ कीजिए।