नई दिल्ली। पाकिस्तान को एफएटीएफ संस्था ने ग्रे लिस्ट में कायम रखा है जिसकी वजह से पाकिस्तान के लिए आर्थिक समस्याएं कामय रहेंगी। इसके साथ ही पाकिस्तान को चेतावनी दी गई है कि अगर वह टेरर फंडिंग जारी रखता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में भी डाला जा सकता है। पाकिस्तान को अब निश्चित तौर पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने को मजबूर होना पड़ेगा। देश के आर्थिक दबाव के आगे पाकिस्तान को आने वाले समय में आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी। इस पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की चेतावनी से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा और वे आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मजबूर होंगे। आतंकवाद को मुहैया कराए जाने वाले धन की निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था ‘एफएटीएफ ने शुक्रवार को पाकिस्तान को अगले साल फरवरी तक के लिये अपनी ‘ग्रे सूची’ में रख दिया है। धन शोधन (मनी लॉड्रिंग) और आतंकवाद को धन मुहैया कराए जाने के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई करने में इस्लामाबाद के नाकाम रहने को लेकर यह कदम उठाया गया। एफएटीएफ की पेरिस में पांच दिवसीय पूर्ण बैठक हुई। जिसमें यह फैसला लिया गया। इसमें इस बात का जिक्र किया गया कि पाकिस्तान को लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों पर नकेल कसने के लिये दी गई 27 सूत्रीय कार्ययोजना में इस्लामाबाद सिर्फ पांच पर ही काम करने में सक्षम रहा। उल्लेखनीय है भारत में सिलसिलेवार हमलों के लिये ये दोनों आतंकी संगठन जिम्मेदार रहे हैं।