इस्लामाबाद, एजेंसी। भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लिए टिप्पणी की कि वह भारत का हिस्सा है। अब पीओके का केवल भौतिक अधिकार क्षेत्र में आने का इंतजार है। विदेश मंत्री के इस बयान पर पाकिस्तान के होश फाख्ता है। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पीओके पर भारत के आक्रामक रुख का संज्ञान लेने का अनुरोध करते हुए चेतावनी दी है कि इस तरह के बयानों से तनाव और बढ़ सकता है तथा क्षेत्र में अमन चैन बिगड़ सकता है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने मई में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पद संभालने के बाद से नयी दिल्ली में अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत को एक पड़ोसी से ‘अनोखी चुनौती है और यह चुनौती तब तक बनी रहेगी जब तक पड़ोसी सामान्य पड़ोसी नहीं बन जाता और सीमापार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता। पाकिस्तान से अब बातचीत केवल पीओके पर होगी जैसे बयानों पर विेश मंत्री ने कहा कि ‘पीओके पर हमारा रुख बहुत साफ रहा है, बहुत साफ है और रहेगा कि यह भारत का हिस्सा है तथा हम एक दिन इसे अपने अधिकार क्षेत्र में लेने की उम्मीद करते हैं।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ”भारत के इस तरह के गैरजिम्मेदाराना और भड़काने वाले बयानों से तनाव और बढ़ सकता है तथा क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसमें कहा गया, ”हम भारत के विदेश मंत्री द्वारा पाकिस्तान और पीओके के संबंध में दिये गये भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना बयानों की कड़ी निंदा करते हैं और उन्हें खारिज करते हैं। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के बयान में आरोप लगाया गया, ”ये बयान कश्मीर में भयावह तरीके से मानवाधिकार उल्लंघन की सतत अंतरराष्ट्रीय निंदा को लेकर भारत की अत्यंत निराशा की स्पष्ट अभिव्यक्ति हैं। बयान में कहा गया कि ”भारत इस मामले में पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराकर कश्मीर की बेगुनाह जनता के खिलाफ अपने अपराधों से अंतरराष्ट्रीय जगत का ध्यान हटा नहीं सकता।