Aaj Samaj (आज समाज), कराची: अज्ञात हमलावरों ने भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के करीबी और इमाम मुफ्ती कैसर फारूक की हत्या कर दी। लोकल मीडिया के मुताबिक मुफ्ती कैसर फारूक सिंध प्रांत के कराची के सोहराब गोट में स्थित पोर्ट कासिम की जामिया मस्जिद अबूबकर का इमाम था और उसे उस समय गोली मारी गई जब वह मस्जिद से वापस आ रहा था।
खैबर पख्तूनख्वा का रहने वाला था कैसर फारूक
हमले का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि मुफ्ती कैसर फारूक जब मस्जिद से वापस आ रहा था, तभी मोटरसाइकिल सवार दो हमलावरों ने उस पर गोलियों की बौछार कर दी। कैसर फारूक की मौत हो गई और उसके साथ चल रहा एक छात्र घायल हो गया। कैसर फारूक खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान इलाके का रहने वाला था और बताया जाता है कि वह हाफिज सईद का बेहद करीबी था।
मुंबई में 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड है हाफिज
बता दें कि हाफिज एक पाकिस्तानी नागरिक है और मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नामित आतंकी है, जो पाकिस्तान की जेल में बंद है। फिलहाल इस घटना के बाद से हाफिज की जेल में उसकी सेल की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही हाफिज के बेटों में से एक कमालुद्दीन सईद 26 सितंबर से लापता है। कथित तौर पर कमालुद्दीन का पेशावर में एक कार में आए बदमाशों ने अपहरण कर लिया था।
सहयोगियों को एक-एक करके मारा जा रहा
पाकिस्तानी खुफिया संगठनों का अनुमान है कि हाफिज सईद के जेल जाने के बाद लश्कर में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है, जिसके चलते लश्कर प्रमुख के सहयोगियों को एक-एक करके मारा जा रहा है। पाकिस्तान की एक अदालत ने हाफिज को लंबी सजा सुनाई है, जिसके चलते उसका जेल से निकलना फिलहाल असंभव है।
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