China-Pakistan Economic Corridor, (आज समाज), इस्लामाबाद/बीजिंग: पाकिस्तान अपने देश में चीन के नागरिकों को सुरक्षा देने में विफल रहा है और इसी वजह से अब चीनी की सिक्योरिटी कंपनियां देश में अपने नागरिकों को सुरक्षा देंगी। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में 30 हजार से ज्यादा नागरिक हैं और उनपर हमेशा आतंकी हमले का खतरा बना रहता है। अधिकतर चीनी नागरिक पाकिस्तान में वर्षों से चल रहे राष्ट्रपति शी जिनपिंग के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) में कार्यरत हैं।
अफगानिस्तान के रास्ते सीपीईसी के विकल्प की तलाश
हाल ही में पाक में चीनी नागरिकों पर हमले बढ़ गए हैं। बलोच विद्रोही पूरी तरह चीनियों के खिलाफ हैं, जिससे चीन सरकार चीनी सरकार पर चिंता की लकीरें खिंचना लाजिमी है। इसी के चलते चीन पाक में खुद अपने नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालना चाहता है। सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया है कि अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान जनरलों से नाराज चीन ने अफगानिस्तान के रास्ते ईरान से तेल प्राप्त करने के लिए सड़क बनाकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के विकल्प की तलाश की है, जो पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है।
पीएलए की यूनिट तैनात करना चाहता था चीन
चीन पाकिस्तान में अपने नागरिकों को सुरक्षा देने के लिए अपनी सेना (पीएलए) की यूनिट तैनात करना चाहता था लेकिन रिपोर्टों में सामने आया है कि पाकिस्तान ने ड्रैगन के इस फैसले (पीएलए की तैनाती) को सिरे से खारिज कर दिया है। अंतत: चीन के दबाव के बाद अब पाकिस्तान और चीन के बीच ज्वाइंट सिक्योरिटी कंपनीज फ्रेमवर्क ( एंटी टेररिज्म कॉपरेशन) पर हस्ताक्षर हुए हैं।
अगर पाकिस्तान पीएलए को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप देता तो दुनिया भर में उसकी फजीहत होती। चीनी आर्मी की पाक में तैनाती से उसके घर में भी दबाव होता। इसी से बचने के लिए पाक में चीनियों को सुरक्षा देने के लिए चीन की प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी का नया रास्ता निकाला गया है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि चीन ने इस काम के लिए 3 बड़ी सिक्योरिटी कंपनियां (DeWe , Hua Xin और COSG चाइना ओवरसीज सिक्योरिटी ग्रुप) हायर की हैं। इन कंपनियों में बीजिंग के ही तीन ग्रुप शामिल हैं और खास बात यह है ये तीनों ही ग्रुप्स सीधे चीनी पीएलए से जुड़े हैं।
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