Pakistan court strongly opposes India’s order for election in Gilgit-Baltistan: पाकिस्तानी अदालत द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव के आदेश पर भारत का कड़ा विरोध

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नई दिल्लीे। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय पर भारत की ओर से आपत्ति जताई गई है। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय की ओर से गिलगित-बाल्टिस्तान में आम चुनाव करानेका आदेश दिया गया जिसे लेकर भारत ने इस्लामाबाद के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई है। बतौर विदेश मंत्रालय पाकिस्तान को बता दिया गया है कि गिलगित- बाल्टिस्तान सहित पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और पाकिस्तान को अपने अवैध कब्जे से इन क्षेत्रों को तुरंत मुक्त कर देना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के हालिया कदम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर उसके “अवैध कब्जे” को छुपा नहीं सकते हैं और न ही इस पर पर्दा डाल सकते हैं कि पिछले सात दशकों से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के “मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया, शोषण किया गया और उन्हें स्वतंत्रता से वंचित” रखा गया। गौरतलब है कि पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हाल के अपने आदेश में, 2018 के “गवर्नमेंट आॅफ गिलगित बाल्टिस्तान आॅर्डर “में संशोधन की इजाजत दे दी ताकि क्षेत्र में आम चुनाव कराए जा सकें। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर बताया कि “भारत ने पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को आपत्ति पत्र जारी किया और तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। यह स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश पूरा जम्मू- कश्मीर और लद्दाख जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, वह पूरी तरह से कानूनी और अपरिवर्तनीय विलय के तहत भारत का अभिन्न अंग हैं। “विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं जो उसने “अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए ” हुए हैं। बयान में कहा गया है कि भारत इस तरह के कदमों को पूरी तरह से खारिज करता है और भारतीय जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों की स्थिति में बदलाव लाने के जारी प्रयासों पर आपत्ति जताता है।