नई दिल्ली। पाकिस्तान एक बार फिर से ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ पाया। आने वाले कुछ और महीने अभी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा गया है। पाकिस्तान की तमाम कोशिशों के बाद भी वह ग्रे लिस्ट में ही बना हुआ है। वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण पर नजर रखने वाले निकाय फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने टेरिरिस्ट फंडिंग पर काबू नहीं पाने के कारण पाकिस्तान को अगले चार महीने तक संदिग्ध सूची (ग्रे लिस्ट) में ही रखने का फैसला किया है। पाकिस्तान की मदद चीन, मलयेशिया और तुर्की ने की जिसकी वजह से वह ब्लैक लिस्ट होने से तो बच गया, लेकिन अब भी वह ग्रे लिस्ट में ही है और इससे बाहर नहीं आ पाया है। एफएटीएफ ने साथ ही पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वह आतंकवाद समेत 25 सूत्री ऐक्शन प्लान को पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा। यह निर्णय एफएटीएफ के अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) की बैठक में लिया गया। यह बैठक पेरिस में पूर्ण सत्र के दौरान हुई। एफएटीएफ इस बैठक में कहा गया कि किस तरह पाकिस्तान एफएटीएफ की तकनीकी प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। राजनयिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान आगामी जून तक ‘संदिग्ध सूची’ में बना रहेगा। एफएटीएफ ने अपने सदस्यों से पाकिस्तान के के तमाम कारोबारी रिश्ते और वित्तीय लेन-देन पर नजर रखने को भी कहा है। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने अपने देश की जनता को आश्वासन दिया था कि फरवरी में वह पाकिस्तान को एफएटीएफ की ‘संदिग्ध सूची’ से बाहर निकल लाएंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
पाकिस्तान प्रेक्टिल ग्राउंड पर और सबूतों की कमी के कारण तीन देशों को छोड़कर कोई भी देश पाकिस्तान को समर्थन नहीं दे रहा है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बचने के लिए पाकिस्तान ने अपनी ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ा। उसने लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने बैठक में कहा कि ऐक्शन प्लान में शामिल पॉइंट के आधार पर उसने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की। हालांकि पाकिस्तान की तमाम चाल नाकाम रही और इमरान एवं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का नकाब सबके सामने उतर गया। पाकिस्तान को ऐंटी मनी लॉड्रिंग ौर टेरर फंडिंग के खिलाफ सुधारात्मक कदम उठाने से जुड़ा सबूत दिखाने को कहा गया है। पाकिस्तान ने कहा कि अधिकारी इन मामलों में कार्रवाई कर रहे हैं। पाकिस्तान ने आतंकवाद फंडिंग के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दी। बता दें कि अब जून में पाकिस्तान को खुद को ग्रे लिस्ट से बाहर लाने के लिए मशक्त करनी पड़ेगी। पाकिस्तान को अब जून में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बचने के लिए सभी 1267 वित्तीय संस्थानों और 1373 आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। इस्लामाबाद को इन आंतकियों और संगठनों को टेरर फंड जुटाने से रोकना होगा साथ ही उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए उनकी संपत्तियों को भी जब्त करना होगा।