नई दिल्ली। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्टÑ के सत्र में भारत को घेरने की कोशिश की। हालांकि उसका झूठ का पुलिंदा अपने आप ही गिरता दिखा। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीयकरण की पुरजोर कोशिश कर रहा है। हांलाकि इस मस्ले पर एक चीन को छोड़ दिया जाए तो अब तक पाकिस्तान अलग थलग ही दिखा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के सत्र को पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने संबोधित किया और यूएनएचआरसी में भारत पर मानवाधिकार के झूठे आरोप लगाते हुए कुरैशी ने इस बात की मांग की कि जम्मू कश्मीर में पैलट गन के इस्तेमाल पर रोक लगे। इसके साथ ही, कर्फ्यू को खत्म किया जाए और घाटी में हिरासत में लिए गए राजनेताओं की रिहाई की जाए। यूएनएचआरसी में कुरैशी ने यह भी कहा कि भारत उन लोगों को दंडित करे जो जम्मू कश्मीर में लोगों के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है और यूएनएचआरसी इस उस क्षेत्र में कथित मावाधिकार उल्लंघन को निगरानी करने की इजाजत दे। कुरैशी ने कहा कि आॅफिस आॅफ हाई कमिश्नर जम्मू-कश्मीर की स्थितियों की पड़ताल करने दे। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने मांग की कि मानवाधिकार संगठनों और अंतररराष्ट्रीय मीडिया को कश्मीर जाने दे। हालांकि इन सभी झूठे दावों और आरोपों के साथ ही पाक विदेश मंत्री ने जम्मू-कश्मीर को भारत का राज्य कहा। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में अवैध कब्जा जाम रखे इस्लामाबाद ने यूएनएचआरसी में कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा नहीं है।