इस्लामाबाद। भारत ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया और उसे केंद्र शासित प्रदेश घाषित कर दिया है। जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर उसे भी केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है। अब जबकि इस बात को लेकर पाकिस्तान के तमाम नेता और पाकिस्तान के वजीर ए आजम इमरान खान पूरी दुनिया में ढोल पीट रहे हैं। यहां तक कि परमाणु युद्ध की धमकी तक दे डाली गई। ऐसे समय में इस्लामाबाद ने नई दिल्ली को द्विपक्षीय बातचीत की नई पेशकश की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा- भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत से हमें कोई ऐतराज नहीं है। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी भी भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत का विरोध नहीं किया है। कुरैशी ने कहा- “इस मुद्दे पर किसी भी तरह का बाहरी हस्तक्षेप सराहनीय होगा।”कुरैशी ने यह सुझाव दिया कि भारत के साथ बातचीत शुरू हो सकती है जब वे जम्मू कश्मीर में नजरबंद किए गए राजनेताओं को वापस छोड़ दे। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर तीन पक्ष हैं- पाकिस्तान, भारत और कश्मीर के लोग।कुरैशी का यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बातों के विपरीत है, जिसमें इमरान ने कहा था कि जम्मू कश्मीर पर 5 अगस्त को भारत ने जो किया है उसके बाद नई दिल्ली के साथ बातचीत की कोई संभावना नहीं है। कुरैशी ने कहा- “हमने यह कभी नहीं कहा कि बातचीत नहीं होगी। हालांकि, हम ये नहीं देख रहे हैं कि भारत बातचीत का माहौल बनने दे रहा है।” बाहरी हस्तक्षेप के मुद्दे पर बोलते हे कुरैशी ने कहा कि अन्य देशों के साथ संपर्क कर इस पर काम किया जा रहा है ताकि भारत पर दबाव बनाकर टेबल पर बातचीत के लिए लाया जा सके।