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Padma Program: हरियाणा सरकार ने आज महत्वकांक्षी “प्रोग्राम टू एक्सलरेट डेवलपमेंट फॉर एमएसएमई एडवांसमेंट (पदमा)” पहल की शुरुआत की। इसका उद्देश्य सतत रोजगार और उद्यमिता के अवसरों पर जोर देने के साथ-साथ संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए क्लस्टर दृष्टिकोण का लाभ उठाकर ब्लॉक स्तर पर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों पर केंद्रित विकासात्मक हस्तक्षेपों को डिजाइन और कार्यान्वित करना है।
इस कार्यक्रम के तहत स्थानीय रूप से प्रासंगिक उत्पादों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जाएगा और राज्य के किसानों को उत्पादकों से लेकर प्रोसेसर बनने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे हरियाणा में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है। औद्योगिक रूप से उन्नत जिलों में सकारात्मक विकास देखा गया है। यह प्रवृत्ति जारी रहने का अनुमान है और विकसित जिलों में विकास को बढ़ावा देने और औद्योगिक रूप से विकासशील जिलों में लक्षित क्लस्टर-आधारित हस्तक्षेप शुरू करने के लिए एक केंद्रित प्रयास की आवश्यकता है।
जो जिले अभी विकासशील हैं, उन्हें राज्य सरकार से विशेष प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
इस आशय के साथ राज्य के 22 जिलों के प्रत्येक ब्लॉक में स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों, मौजूदा एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र, हितधारकों के परामर्श, कच्चे माल की उपलब्धता, जनसांख्यिकीय प्रोफाइल और विकास क्षमता के आधार पर सतत व लागत प्रभावी क्लस्टर बनाने के लिए एक उत्पाद की पहचान की गई है।
राज्य सरकार की ओर से चयनित उत्पाद के लिए जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक के लिए एक नया मिनी-औद्योगिक क्लस्टर विकसित किया जाएगा ताकि उत्पाद की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को मजबूत किया जा सके। यह परिकल्पना की गई है कि प्रत्येक क्लस्टर कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) और बिजनेस डेवलपमेंट सर्विस (बीडीएस) हब के साथ कई नए एमएसएमई को स्थापित करेगा। मिनी-औद्योगिक क्लस्टर में उद्यमियों, कारीगरों और श्रमिकों को उनके सामने आने वाली तकनीकी और जागरूकता चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशिक्षण सुविधाएं भी प्रदान होंगी।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सतत रोजगार व उद्यमिता के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए क्लस्टर दृष्टिकोण का लाभ उठाकर ब्लॉक स्तर पर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों पर केंद्रित विकासात्मक हस्तक्षेपों को डिजाइन और कार्यान्वित करना है।
साथ ही पदमा ब्लॉक स्तर पर समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास और एक मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रोत्साहित करेगा। इसके अलावा, राज्य के युवाओं को नए उद्यम स्थापित करने के लिए सशक्त बनाने और उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने के अवसर भी प्रदान करेगा।
पदमा का उद्देश्य स्थानीय रूप से प्रासंगिक उत्पादों को बढ़ावा देना और राज्य के किसानों को उत्पादकों से प्रोसेसर बनने के व्यापक अवसर प्रदान करना है। एमएसएमई निदेशालय पदमा कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग है। एमएसएमई निदेशालय के अलावा, अन्य संबंधित विभाग जैसे एचएसआईआईडीसी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग तथा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग सहयोग करेंगे और कार्यक्रम के सुचारू निष्पादन के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे। Padma Program
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