अकेले रविवार को धान के अवशेष जलाने के 162 मामले आए सामने
Stubble Burning in Punjab (आज समाज), चंडीगढ़ : धान का सीजन चरम पर पहुंचने के साथ ही प्रदेश की वायु भी जहरीली होने लगी है। धान कटाई के साथ प्रदेश की हवा जहरीली होने का कोई संबंध नहीं है बल्कि धान की कटाई के बाद इसके अवशेषों को जलाने से हवा प्रदूषित हो रही है। इसका परिणाम यह है कि एक्यूआई लगातार गंभीर स्थिति की तरफ जा रहा है। हालांकि प्रदेश सरकार और प्रशासन किसानों को धान के अवशेषों में आग न लगाने के लिए अपील कर रहा है लेकिन किसान है कि मानने को तैयार नहीं हैं। प्रदेश में धान के अवशेष जलाने की घटनाओं में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। जोकि काफी ज्यादा हैं।
रविवार को लगाई गई सबसे ज्यादा आग
रविवार को छुट्टी होने के चलते प्रदेश में किसानों ने खूब अवशेष जलाए। विभाग के आंकड़ों के अनुसार अकेले रविवार को ही 162 जगह धान के अवशेषों में आग लगाई गई। इसके बाद धान के अवशेषों में आग लगाने के मामले एक हजार के करीब पहुंच गए हैं। यह बढ़कर अब 872 तक पहुंच गए हैं जबकि 2022 और 2023 के आंकड़ों से कहीं ज्यादा अधिक हैं।
इस तरह रहा प्रमुख शहरों का एक्यूआई
रविवार को बठिंडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 211 पहुंच गया, जो खराब श्रेणी में रहा। अमृतसर का एक्यूआई 104, पटियाला का 106, लुधियाना का 120, खन्ना का 82 और मंडी गोबिंदगढ़ का 80 दर्ज किया गया।
अमृतसर में जलाए गए सबसे ज्यादा अवशेष
रविवार को सबसे अधिक 48 मामले अमृतसर जिले से सामने आए। वहीं, पटियाला जिले में 26, तरनतारन में 38, सीएम भगवंत मान के जिला संगरूर में 16, मालेरकोटला, गुरदासपुर व कपूरथला में 4-4 मामले, फिरोजपुर में 7, मानसा में 5, बठिंडा, फाजिल्का, लुधियाना, मोगा व एसएएस नगर में 1-1 और जिला फतेहगढ़ साहिब में पराली जलाने के 2 मामले रिकॉर्ड किए गए।
अवशेषों के उचित प्रबंध के लिए ऋण दे रही सरकार
धान के अवशेषों को खेत में जलाने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत्त है। इसके लिए सरकार जहां प्रदेश के किसानों से सब्सिडी पर मशीनरी मुहैया करवाने में युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। वहीं अब प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के किसानों को फसल अवशेषों का उचित प्रबंध करने के लिए उन्हें 80 प्रतिशत तक सब्सिडी पर ऋण मुहैया करवाने की पेशकश की है। भगवंत सिंह मान ने किसानों की भलाई को हर संभव तरीके से सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए किसानों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की।
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