Oxygen Compensator 20 टन आक्सीजन से हराया था कोरोना, जानिए कैसे?

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Oxygen Compensator

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आज समाज डिजिटल, अंबाला:

कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आए लोगों की जान बचाने के लिए अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में 20 टन आक्सीजन लगी थी। कोरोना को हराने के लिए इतनी आक्सीजन ही पर्याप्त रही। इस बार कोरोना से लड़ने के लिए आॅक्सीजन की पर्याप्त मात्रा है।

5 टन आक्सीजन और चार से छह दिन Oxygen Compensator

पहले तो सबसे अधिक आक्सीजन की खपत आप्रेशन थियेटर और इमरजेंसी में दाखिल होने वाले मरीजों पर होती थी। अब कोरोना वार्ड में 60 बेडों पर दाखिल होने वाले मरीज की टूटती सांस में जान डालने पर करीब 5 टन आक्सीजन सिर्फ 4 से 6 दिन में ही खर्च होते रहे। इसे देखते हुए अब अस्पताल में आक्सीजन जनरेटर प्लांट लग चुका है, इससे प्रति मिनट 1000 लीटर आक्सीजन तैयार होगी जो सीधे मरीजों के बेड तक पहुंचेगी। बस इसके लिए अब जनरेटर सेट को स्थापित करके कनेक्शन किया जाना है।

शिफ्टवाइज लगाई जाती है ड्यूटी Oxygen Compensator

नागरिक अस्पताल परिसर में लगे टैंक पाइप लाइन के माध्यम से आक्सीजन की सप्लाई बनी रहे, इसके लिए 8 अप्रेटर की ड्यूटी शिफ्टों में लगी है। प्रत्येक शिफ्ट में दो आप्रेटर की ड्यूटी लग रही है। बाकी के दो अप्रेटर को रिजर्व रखा जाता है, जो अस्पताल में भर्ती मरीज के बेड तक आॅक्सीजन पहुंचने में परेशानी को दूर करने का काम करते हैं।

आक्सीजन में लाल सूई रहती है अहम Oxygen Compensator

स्वास्थ्य विभाग ने नागरिक अस्पताल छावनी में लगे 5 टन के टैंक में आॅक्सीजन रिफिल करने के लिए आइनाक्स कंपनी को ठेका दे रखा है। इस कंपनी को आॅक्सीजन टैंक में लगे मीटर की सूई लाल निशान को छूटते ही डिमांड भेजी जाती है। डिमांड भेजने के पांच घंटे के भीतर कंपनी को आॅक्सीजन से भरे टैंकर को नागरिक अस्पताल परिसर में पहुंचाना होता है।

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