आज समाज डिजिटल, अम्बालाः
Owner Got Possession in Ambala: अदालत के आदेश पर ताला तोडकर बीस महीने बाद मालिक को दिलाया बीड़ी फ्लोर मिल पर कब्जा। लोकल कमिशनर की अगुवाई में प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। 6.55 एकड़ में फैली ओल्ड ग्रांट जमीन पर बने भवनों को 8 जुलाई 2020 को सील किया गया था। आखिर 23 फरवरी को कोर्ट ने सील हटाकर याचिकाकर्ता को कब्जा देने के आदेश दिए थे।
मालिक रविंद्र ने जिला प्रशासन से कई बार लगाईं गुहार
अंबाला कैंट की बंद पड़ी बनारसी दास फ्लोर मिल उस समय विवादों के घेरे में आ गई थी, जब 8 जुलाई 2020 को सदर नगर परिषद् ने तीन बड़े आवास, वहां बने मंदिर और वेयर हाउस में रह रहे लोगों का सामान बाहर करके 6.55 एकड़ में फैली ओल्ड ग्रांट जमीन के मुख्य गेट पर ताला जड़ उसे सील का दिया था। जिसके बाद काफी हो-हल्ला भी हुआ। मगर जिला प्रशासन के सामने उनकी एक नहीं चली। आखिरकार बाद में मामला अदालत में गया और अब जाकर इन लोगों को इन्साफ मिला। मालिक रविंद्र की माने तो उन्होंने जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगाईं, मगर प्रशासन कब्जा छोडऩे की जगह स्थानीय अदालत में चला गया। उन्होंने अदालत को बताया कि इसका पोजीशन मालिकों को दिया जाये।
संपत्ति को काफी नुक्सान भी हुआ
20 महीने की लम्बी सुनावाई के बाद आज अदालती आदेश पर कब्जा दिया गया है। इस दौरान संपत्ति को काफी नुक्सान भी हुआ है। वहीं याचिकाकर्ता और वकील रोहित जैन ने बताया कि 6.55 एकड़ में फैली ओल्ड ग्रांट बीड़ी फ्लोर मिल की जमीन पर 8 जुलाई 2020 को सदर नगर परिषद् ने यहां बेस सभी लोगो को बाहर निकाल कर गेट पर ताला लगाकर सील कर दिया था। प्रशासन ने कब्जा छोडऩे की बजाये अदालत का दरवाजा खटखटाया।
जगह की सील हटाकर कब्जा वापिस दिया
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि सदर नगर परिषद् ने सील की गई प्रापर्टी का न तो कब्जा लौटाया और न ही इस संपत्ति की देखभाल की, जिस कारण करोड़ो की संपत्ति का नुक्सान हो गया। अदालत ने याचिका पर पीडब्ल्यूडी के जीई को लोकल कमिशनर नियुक्त करके 5 फरवरी तक रिपोर्ट तलब का आदेश दिया। रिपोर्ट के बाद अदालत ने कब्जा मालिक को देने के आदेश दिए। जिसके बाद आज विडिओग्राफी की कार्रवाई के साथ जगह की सील हटाकर कब्जा वापिस दिया गया है।