नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की लखनऊ की सीबीआई विशेष अदालत आज बाबरी मस्जिद ढहाए जाने वाले मामले में फैसला सुनाया और सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा छह दिसम्बर 1992 को गिराया गया था। आज 28 साल बाद इसमें फैसला सुनाया गया। जिसे लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सीबीआई कोर्ट का आज का ये फैसला भारत की अदालत की तारीख का एक काला दिन है। असदुद्दीन ओवैसी नेआज बाबरी मस्जिद मामले में आए फैसलेसे नाराज दिखे और कहा कि सारी दुनिया जानती है कि भाजपा, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना और कांग्रेस पार्टी की मौजूदगी में विध्वंस हुआ। इसकी जड़ कांग्रेस पार्टी है, इनकी हुकूमत में मूर्तियां रखी गईं। जबकि दूसरी ओर संजय राउत ने कहा कि न्यायालय ने जो कहा है कि ये कोई साजिश नहीं थी, ये ही निर्णय अपेक्षित था। हमेंउस एपिसोड को भूल जाना चाहिए,अब अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है। अगर बाबरी का विध्वंस नहीं होता तो आज जो राम मंदिर का भूमिपूजन हुआ है वो दिन हमें देखने को नहीं मिलता। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिद गिराने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।