Overweight disease: आज के समय में बड़ों के साथ बच्चों में भी मोटापे की समस्या कई गुना बढ़ गई है। अपनी उम्र और लंबाई के हिसाब से ज्यादा वजन होने पर बच्चों को ओवरवेट कहा जाता है। आजकल के समय माता पिता इस ओर कम ध्यान देते हैं। लेकिन आपको बता दें, स्वस्थ और ओवरवेट बच्चे में अंतर होता है। ओवरवेट होने पर बच्चों में कई तरह की समस्याएं होने के साथ आगे चलकर कई तरह की गंभीर बीमारियां होने के खतरा भी बढ़ता हैं। खराब खानपान, स्क्रीन टाइम, सॉफ्ट ड्रिंक्स, प्रोस्सेड फूड्स का ज्यादा सेवन और फिजिकल एक्टिविटी कम करने के कारण बच्चों का वजन कई बार ज्यादा हो जाता है।
डायबिटीज
नॉर्मल वजन वाले बच्चों की तुलना में ओवरवेट बच्चों में डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है। बहुत से बच्चे मीठे खाघ पदार्थ जैसे बिस्किट, कैंडिज, केक और प्रोस्सेड फूड्स का ज्यादा सेवन करते हैं। इन चीजों में शुगर की मात्रा ज्यादा होने के कारण उनके शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है। डायबिटीज के साथ बच्चों को किडनी और आंखों संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
हार्ट संबंधी समस्याएं
फैट और प्रोस्सेड फूड्स खाने से बच्चों को हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। प्रोस्सेड फूड्स में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो ब्लड प्रेशर बढ़ाने के साथ कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है। इस कारण हार्ट संबंधी रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता हैं।
नींद संबंधी समस्याएं
ओवरवेट बच्चों में अधिकतर नींद संबंधी समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती है। कई बार ज्यादा वजन होने के कारण बच्चों के गले के आसपास फैट जमा हो जाता है, जिससे बच्चे रात को ठीक से सो नहीं पाते हैं और स्लीप एप्रिया जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।
फैटी लिवर
ओवरवेट होने के कारण बच्चों को फैटी लिवर की समस्या भी हो सकती है। कई बार बच्चे बाहर का ज्यादा खाते हैं। इन चीजों में नमक, तेल मसाले ज्यादा होने के कारण फैटीलिवर की समस्या भी हो सकती है।
बच्चों को मोटापे से बचाव के तरीके
बच्चों को हेल्दी फूड्स खाने के लिए दें। उनकी डाइट में हरी सब्जियों के साथ फल,ड्राई फ्रूट्स और साबुत अनाज को शामिल करें।
बच्चों को प्रोस्सेड फूड्स और बाहर में बिकने वाली ड्रिंक्स नहीं दें।
बच्चों को टीवी या मोबाइल देखकर खाने की आदत न डालें।
बच्चों को ऐसे गेम्स के लिए प्रेरित करें, जो उन्हें फिजिकली एक्टिव रखने में मदद करें।
बच्चों को बाहर खाने के बजाए घर के खाने की अहमियत बताए।
ओवरवेट बच्चों को शारीरिक रूप के साथ मानसिक परेशानियां भी हो सकती हैं। ऐसे में बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए समय पर कदम उठाएं।