मकान मालिक बाहर.. डीटीपी ने तोड़ डाला मकान

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Outside the landlord, DTP demolished the house

जिला योजनाकार की टीम ने गांव कलवेहड़ी के नजदीक अवैध कॉलोनी में की तोडफ़ोड़ कार्रवाई

आज समाज डिजिटल,करनाल:

डीटीपी की टीम द्वारा गांव कलवेहड़ी के नजदीक बसी अवैध कॉलोनी में तोडफ़ोड़ कार्रवाई की गई, टीम द्वारा कॉलोनी में एक मकान सहित पक्के रास्तों को तोड़ा गया। टीम की कार्रवाई से कॉलोनिवासियों में हडक़ंप मच गया, वहीं मकान तोडऩे पर मकान मालिक ने डीटीपी पर कई आरोप लगाए है। मकान मालिक संदीप ने बताया कि वे घर पर ताला लगाकर शहर से बाहर गए हुए थे, पीछे से डीटीपी की टीम द्वारा कॉलोनी को अवैध बताकर तोडफ़ोड़ की कार्रवाई की गई। उनके मकान की रजिस्ट्री होने के बावजूद रंजिशन तोड़ा गया है। मकान तोडऩे से पहले न तो कोई नोटिस दिया गया ओर न ही कोई सूचना। डीटीपी द्वारा घर में रखे सामान को भी नहीं निकालने दिया, पूरा सामान तहस नहस कर दिया। उन्होंने कहा कि कॉलोनी में दर्जनों मकान बने हुए है, उनका मकान ही क्यों तोड़ा गया? उन्होंने कहा कि कॉलोनीनाइजर ने जमींदार से जमीन को खरीदकर प्लाट काटे थे, जमीन के मालिक के साथ मिलकर डीटीपी ने उनके घर को तोड़ा हैं। डीटीपी की माने तो कॉलोनी अवैध तरीके से काटी गई है। टीम द्वारा वीरवार को कॉलोनी में तोडफ़ोड़ की गई, टीम ने कॉलोनी में एक मकान व पक्की गलियों को तोड़ा गया ताकि कॉलोनी आगे निर्माण कार्य न हो सकें।

मकान मालिक घर से बाहर तो क्यों तोड़ा मकान

उन्होंने डीटीपी की कार्रवाई पर सवाल खड़े हुए कहा कि अगर कॉलोनी अवैध है तो कैसे बस गई, उनके घर को ही क्यों तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि उनके मकान की रजिस्ट्री है, बिजली मीटर लगा हुआ है। तत्कालीन डीटीपी विक्रम सिंह भी कॉलोनी में आए थे, लेकिन उन्होंने ने भी कॉलोनी को नहीं तोड़ा था, क्योंकि कॉलोनी आठ साल से बनी है। बाकायदा पूरे दस्तावेज है, लेकिन नव नियुक्त डीटीपी आनन फानन में तोडफ़ोड़ कार्रवाई कर रहे है, जो गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि मकान तोडक़र ऐसा माहौल बनाया जा रहा है ताकि पैसे एंठने का काम शुरू हो सकें।

अवैध कॉलोनियां बस रही है..डीटीपी कहां?

हर बार डीटीपी की तोडफ़ोड़ कार्रवाई पर सवाल उठते है, चाहे पूर्व में जितने भी डीटीपी द्वारा शहर में पनप रही अवैध कॉलोनियों में तोड़ फोड़ की गई हो। हर बार एक ही सवाल, कि कैसे अवैध कॉलोनी बस गई? कैसे कॉलोनी लगातार आबाद हो गई? अगर अवैध कॉलोनी में डीटीपी द्वारा कार्रवाई की जाती रही है तो कॉलोनी को कैसे वैधता की मंजूरी मिल जाती है? कई सवाल सभी के जहन में चलते है, लेकिन शासन-प्रशासन के पास कोई जबाव नहीं होता।

अवैध कॉलोनियों की लिस्ट.. चैकिंग क्यों नहीं?

दावा है कि जिला योजनाकार विभाग के पास जिले में पनप रही अवैध कॉलोनियों की बाकायदा लिस्ट बनी हुई है। बावजूद इसके अवैध कॉलोनियां पनप रही है, ऐसा क्यों? अवैध कॉलोनियों में निर्माण कार्य होते रहते है, रजिस्ट्रियां होती रहती है, ऐसा क्यों? क्या विभाग के पास चैकिंग टीम नहीं है, जो अवैध कॉलोनियों पर नजर रखें? लेकिन ऐसा नहीं होता, विभाग के अधिकारी जानबूझ कर अवैध कॉलोनियों को पनपने देते है ताकि कार्रवाई से डरकर अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजरों में बैचेनी हो ओर मुनाफे का एक हिस्सा उन तक पहुंच जाए। ऐसा पूर्व में डीटीपी रहे आरोपी विक्रम सिंह व तहसीलदार के प्रकरण में उभरकर सामने आ चुका है। डीटीपी आरएस बाठ से कॉलोनी में तोडफ़ोड़ पूर्ण कार्रवाई ओर उनके ऊपर लगाए गए आरोपों के बारे में उनका पक्ष जानने के लिए कई बार फोन किए गए, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

 

 

 

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