Organized Tarana Program भाजपा का तराना कार्यक्रम ढोंंग : प्रो. राय सिंह गुर्जर
प्रवीण वालिया,करनाल :
Organized Tarana Program : कांग्रेस हरियाणा के प्रदेश प्रवक्ता प्रो. राय सिंह गुर्जर ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर भाजपा द्वारा आयोजित तराना कार्यक्रम को ढोंग करार दिया। उन्होंने कहा कि कभी नेता जी के आदर्शों, सिद्धांतों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कुर्बानियों को अपनी ओछी विचारधारा से रौंदने वाली भाजपा और संघ के लोग आज उनकी शौर्य गाथा गाने का प्रपंच रच रहे हैं।
देश की आजादी के लिए मिशन हमारा एक होगा लेकिन तरीका अलग
देश की आजादी के नायक सुभाष चंद्र बोस जी के साथ जब कदम ताल मिलाकर जय हिंद कहने का समय बंगाल में आया था तब भाजपा की विचारधारा के संरक्षकों ने उन्हें कमजोर करने की हर साजिश रची थी। (Organized Tarana Program) सुभाष चंद्र बोस जी ने कांग्रेस की विचारधारा को स्वयं से जोड़ते हुए क्रांतिकारियों को यह संदेश दिया था कि देश की आजादी के लिए मिशन हमारा एक होगा लेकिन तरीका अलग।
उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की और उसकी मजबूती की शुरुआत बंगाल से आरंभ की। तब भाजपाइयों की की नजर में आजादी के नायक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1947 में बंगाल के चुनाव में सत्ता के लिए देश की विरासत को खंडित करते हुए स्वतंत्रता आंदोलन की अस्मिता के विरुद्ध विचारधारा रखने वाली पार्टी मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार बनाई। (Organized Tarana Program)
इनके संरक्षक यहीं नहीं रुके उन्होंने उस समय आजाद हिंद फौज को कमजोर करने के लिए उसके समानांतर अपनी टोपी और निक्कर की ड्रेस का प्रचलन भी तेजी से आरंभ करवाया। राय सिंह गुर्जर ने कहा कि 2014 में जब भाजपाइयों के पास पूरे देश की आजादी के आंदोलन में केवल मात्र दो क्रांतिकारी ही बचे थे तो गांधी जी एवं नेहरू जी को गाली देने के लिए इन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल और सुभाष चंद्र बोस जी के आजादी के सिद्धांतों से अलग बैठकर अपनी साजिश दिखाने का प्रयास किया।
देश की आजादी में भाजपा के सिद्धांतों से जुड़े संगठनों का कोई योगदान और महत्व नहीं है?
Organized Tarana Program : राय सिंह गुर्जर ने प्रश्न किया कि क्या आजादी का तराना गाने का नाटक करने वाले इन भाजपाइयों के पास इस प्रश्न का जवाब है कि सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने नेहरू जी से क्यों कहा था कि देश की आजादी में भाजपा के सिद्धांतों से जुड़े संगठनों का कोई योगदान और महत्व नहीं है?
अगर इनको आगे मौका मिला तो यह देश की आजादी के बाद के भारत को कमजोर करने का सदा प्रयास करते रहेंगे? सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने क्यों कहा कि भाजपाइयों के पूर्वज आरएसएस को प्रतिबंधित किया जाए जबकि पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने इनको राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल करके इन्हें अपने विघटन और प्रपंच की राजनीति को छोडऩे का एक मौका दिया था।
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