आर्य कॉलेज में महिला सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

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आर्य कॉलेज में महिला सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन
आर्य कॉलेज में महिला सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन
आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। आर्य कॉलेज के हिंदी विभाग के हिंदी साहित्य परिषद के तत्वावधान में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन करवाया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर संकल्पित फाउंडेशन और भाव मंजरी राष्ट्रीय नारी अभिव्यक्ति मंच कुरुक्षेत्र की संस्थापिका व अध्यक्षा गायत्री आर्य कौशल, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लॉ डिपार्टमेंट से प्रो‐ सुशीला चौहान व स्टेज एप के प्रतिनिधि अतुल लंगाया ने शिरकत की। कॉलेज के उपप्राचार्य डॉ‐ नीरज ठाकुर ने सभी अतिथियों का कॉलेज प्रांगण में पहुंचने पर पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।

अपने अंदर परिपक्वता लानी होगी और आत्मनिर्भर भी होना पड़ेगा

डॉ. नीरज ठाकुर ने यह बताया कि आज की संगोष्ठी का विषय महिला सशक्तिकरण रहा। वर्तमान में महिला की सामाजिक हिस्सेदारी पुरुष के बराबर है इस बात को निसंकोच स्वीकार किया जाना चाहिए। मुख्य वक्ता गायत्री आर्य कौशल ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमें कॉलेज व स्कूल के विद्यार्थियों को महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें विद्यार्थियों से फीड बैक भी लेना चाहिए। उन्होंने छात्राओं को दिए अपने व्यक्तव्य में कहा कि हमें अपने अधिकारों के प्रति सचेत होना पड़ेगा और अपने अंदर परिपक्वता लानी होगी और साथ ही आत्मनिर्भर भी होना पड़ेगा।

 

 

आर्य कॉलेज में महिला सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन
आर्य कॉलेज में महिला सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

महिलाओं को अपने कैरियर के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता

उन्होंने कहा कि लड़कियां कैरियर बना कर आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकती हैं। इसलिए महिलाओं को अपने कैरियर के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। यही वर्तमान के समय और समाज की मांग है। डॉ. सुशीला चौहान ने अपने संबोधन में बताया कि संविधान की प्रस्तावना का आरंभ ही इस पंक्ति से है हम सब भारत के लोग। उन्होंने कहा कि यह पंक्ति पुरुष और स्त्री में किसी प्रकार का भेद नहीं करती। यह वर्तमान के समाज की विदरूपताऐं हैं जो कि पुरुष को श्रेष्ठ बनाकर स्त्री को अपमानित करती हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने मौलिक अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया।

महिला और पुरुष दोनों एक धुरी के समान हैं

उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष दोनों एक धुरी के समान हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को संविधान की धारा 14, धारा 26 व धारा 32 में वर्णित समता और स्वतंत्रता बारे भी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने सबरीमाला मंदिर, तीन तलाक व सायरा बानो के केस में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों बारे जानकारी दी। स्टेज एप के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित अतुल लंगाय ने दहलीज वेब सीरीज के बारे में बताया। इसके अतिरिक्त हरियाणवी बोली ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जिस प्रकार अपना वर्चस्व बना रही है उसकी सराहना की। इस अवसर पर डॉ. कंचन प्रभाती, डॉ. शालिनी, प्रो. गोपाल व विजय समेत सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।